हिंदी
Google द्वारा विकसित Android Earthquake Alert (AEA) सिस्टम अब 98 देशों में सक्रिय है और 2.5 अरब से अधिक लोगों को सुरक्षा कवच प्रदान कर रहा है। स्मार्टफोन आधारित यह तकनीक पारंपरिक भूकंप चेतावनी प्रणाली का सशक्त और सस्ता विकल्प बनकर उभरी है।
गूगल (सोर्स-गूगल)
New Delhi: तकनीक के क्षेत्र में Google ने एक बार फिर क्रांति ला दी है। साल 2020 में शुरू किया गया Android Earthquake Alert (AEA) सिस्टम अब विश्व का सबसे बड़ा भूकंप चेतावनी नेटवर्क बन चुका है। यह प्रणाली अब तक 98 देशों में फैल चुकी है और 2.5 अरब से ज्यादा लोगों को कवर कर रही है।
यह सिस्टम खास उन देशों और क्षेत्रों के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रहा है, जहां पारंपरिक भूकंपीय चेतावनी नेटवर्क या तो मौजूद नहीं हैं या फिर बहुत महंगे हैं। Google का यह इनोवेशन इसीलिए अनोखा है क्योंकि इसमें किसी समर्पित सीस्मिक स्टेशन की आवश्यकता नहीं होती बल्कि यह स्मार्टफोन्स में लगे accelerometer सेंसर का इस्तेमाल करके कंपन को पहचानता है और डेटा को प्रोसेस कर चेतावनी जारी करता है।
कैसे काम करता है यह सिस्टम?
Google के अनुसार, जब किसी एंड्रॉयड डिवाइस का accelerometer कोई असामान्य कंपन पहचानता है, तो वह तुरंत यह सूचना Google के सर्वर तक भेजता है। इसके बाद सर्वर आसपास के अन्य स्मार्टफोनों से डेटा लेकर यह पुष्टि करता है कि वास्तव में भूकंप आया है या नहीं। पुष्टि होते ही सिस्टम प्रभावित क्षेत्र में मौजूद यूजर्स को चंद सेकंड पहले अलर्ट भेज देता है, जिससे लोगों को सुरक्षा कदम उठाने का समय मिल जाता है।
एंड्रॉयड भूकंप चेतावनी (सोर्स-गूगल)
वैज्ञानिकों ने भी की पुष्टि
हाल ही में प्रकाशित एक अंतरराष्ट्रीय विज्ञान जर्नल ‘Science’ की स्टडी में भी यह पाया गया कि Google का AEA सिस्टम पारंपरिक सीस्मिक नेटवर्क जितना ही प्रभावी है। अध्ययन में कहा गया कि दुनियाभर में फैले स्मार्टफोन एक तरह से 'मिनी भूकंप डिटेक्टर' की तरह काम करते हैं और बड़े पैमाने पर चेतावनी देने में सक्षम हैं।
2021 से 2024 के बीच प्रभावी प्रदर्शन
AEA सिस्टम ने वर्ष 2021 से 2024 के बीच 1.9 से लेकर 7.8 तीव्रता तक के 312 भूकंप रिकॉर्ड किए।
लगभग 85% यूजर्स ने भूकंप अलर्ट मिलने के बाद उसे दूसरों के साथ साझा किया।
इनमें से 36% लोगों को भूकंप से पहले, 28% को भूकंप के दौरान और 23% को भूकंप के बाद अलर्ट मिला।
एक उदाहरण में बताया गया कि तुर्की में आए 6.2 तीव्रता के भूकंप के दौरान यह सिस्टम बेहद प्रभावी तरीके से काम किया।
सस्ती, सटीक और सुगम तकनीक
Google का यह प्रयास खासतौर पर उन देशों के लिए राहत देने वाला है, जहां आधुनिक भूकंप चेतावनी तकनीकों की पहुंच सीमित है। चूंकि यह तकनीक पहले से मौजूद स्मार्टफोन्स के सेंसर का उपयोग करती है, इसलिए इसमें कोई अतिरिक्त हार्डवेयर लागत नहीं आती। यही वजह है कि यह प्रणाली तेजी से लोकप्रिय हो रही है।