

गूगल ने भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब स्थापित करने का बड़ा फैसला लिया है, जिसमें 15 अरब डॉलर का निवेश किया जाएगा। यह हब आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में बनेगा, जिसमें गीगावॉट स्तर की कम्प्यूटिंग क्षमता और बड़ा डेटा सेंटर शामिल होगा।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई
New Delhi: भारत में तकनीकी विकास के क्षेत्र में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, गूगल ने 15 अरब डॉलर के निवेश के साथ देश में एक विशाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब स्थापित करने की घोषणा की है।
गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने मंगलवार, 14 अक्टूबर को इस योजना का खुलासा किया और बताया कि इस निवेश के तहत आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक अत्याधुनिक डेटा सेंटर और AI हब बनाया जाएगा। यह भारत के डिजिटल भविष्य के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है।
सुंदर पिचाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई बातचीत बेहद सकारात्मक और प्रेरणादायक रही। उन्होंने विशाखापत्तनम में गूगल के पहले AI हब की योजना साझा की। उन्होंने बताया कि यह केंद्र गीगावॉट स्तर की कम्प्यूटिंग क्षमता से लैस होगा, जिसमें एक नया अंतरराष्ट्रीय सबसी गेटवे और विशाल ऊर्जा इंफ्रास्ट्रक्चर भी शामिल होगा। इससे भारत के डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
गूगल द्वारा 15 अरब डॉलर (लगभग 1,331.85 अरब रुपए) के इस निवेश को भारतीय टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के लिए एक जैकपॉट की तरह देखा जा रहा है। इस निवेश से न केवल रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि भारत को वैश्विक तकनीकी मानचित्र पर और भी मजबूत स्थान मिलेगा। यह परियोजना देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास में एक मील का पत्थर साबित होगी।
गूगल क्लाउड के सीईओ थॉमस कुरियन ने भी इस योजना पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नया AI हब, AI इन्फ्रास्ट्रक्चर, नई डेटा सेंटर क्षमता, बड़े ऊर्जा स्रोतों और ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के विस्तार को एकीकृत करेगा। कुरियन ने कहा कि अगले पांच वर्षों में विशाखापत्तनम में AI केंद्र स्थापित करने के लिए 15 अरब डॉलर निवेश किया जाएगा, जो भारत की तकनीकी प्रगति को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा।
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यह योजना भारत के डिजिटल इंडिया मिशन के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगी, क्योंकि इससे देश में टेक्नोलॉजी और डेटा सेक्टर को एक नया आयाम मिलेगा। गूगल का यह कदम भारतीय स्टार्टअप्स और तकनीकी कंपनियों के लिए भी नए अवसर खोलेगा, जो AI और क्लाउड कंप्यूटिंग के क्षेत्र में काम कर रहे हैं।
समग्र रूप से देखा जाए तो गूगल का यह 15 अरब डॉलर का निवेश भारत के डिजिटल और तकनीकी विकास के लिए एक बड़ा उपहार है। यह कदम न केवल भारत को AI तकनीकों के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा, बल्कि वैश्विक टेक्नोलॉजी उद्योग में देश की स्थिति को भी सशक्त करेगा। आने वाले वर्षों में इस परियोजना के सफल क्रियान्वयन से भारत एक प्रमुख AI हब के रूप में उभरेगा।