

OpenAI अब ChatGPT में विज्ञापन शामिल करने पर विचार कर रहा है ताकि रेवेन्यू बढ़ाया जा सके। कंपनी के अनुसार, यह फैसला सोच-समझकर लिया जाएगा ताकि यूजर अनुभव प्रभावित न हो। फिलहाल ChatGPT के 70 करोड़ साप्ताहिक यूजर्स हैं, लेकिन केवल 2 करोड़ पेड सब्सक्राइबर हैं।
अब ChatGPT में आ सकते हैं विज्ञापन
New Delhi: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में धूम मचाने वाले OpenAI ने अब अपने लोकप्रिय चैटबॉट ChatGPT से आय के नए स्रोत तलाशने शुरू कर दिए हैं। कंपनी अब इस दिशा में विचार कर रही है कि ChatGPT में विज्ञापन (Ads) शामिल किए जा सकते हैं ताकि रेवेन्यू को बढ़ाया जा सके। यह जानकारी हाल ही में The Verge के Decoder पॉडकास्ट के दौरान OpenAI के ChatGPT हेड निक टर्ली (Nick Turley) ने साझा की। उन्होंने बताया कि विज्ञापनों को जोड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, हालांकि यह काम बेहद सोच-समझकर और रणनीतिक तरीके से करना होगा। निक टर्ली के इस बयान ने साफ कर दिया है कि भविष्य में ChatGPT पर भी यूजर्स को विज्ञापन देखने को मिल सकते हैं। हालांकि कंपनी यह सुनिश्चित करना चाहती है कि यह प्रक्रिया यूजर्स के अनुभव को खराब न करे। यदि विज्ञापन शामिल होते हैं, तो यह संभव है कि ChatGPT भी YouTube की तरह उपयोगकर्ताओं को बीच-बीच में विज्ञापनों के जरिए परेशान कर सकता है।
क्या ChatGPT भी YouTube की राह पर चलेगा?
YouTube यूजर्स अक्सर वीडियो देखते समय बीच में आने वाले विज्ञापनों से परेशान हो जाते हैं। अगर OpenAI अपने ChatGPT प्लेटफॉर्म पर भी इसी तरह की रणनीति अपनाता है, तो यूजर्स का अनुभव प्रभावित हो सकता है। निक टर्ली ने इस ओर इशारा किया कि कंपनी यह स्वीकारती है कि हर कोई भुगतान करने के लिए तैयार नहीं होता, लेकिन इसके बावजूद कंपनी का उद्देश्य सबसे अच्छा, नवीनतम और भरोसेमंद प्रोडक्ट प्रदान करना है। टर्ली ने यह भी कहा कि अगर कंपनी ने कभी विज्ञापन शामिल करने का फैसला किया, तो वह इस प्रक्रिया को बेहद सावधानी से लागू करना चाहेंगे। उनके अनुसार, ChatGPT की लोकप्रियता की मुख्य वजह इसका यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस और कस्टमाइज्ड उत्तर देने की क्षमता है। इसलिए कंपनी इस संतुलन को बनाए रखने की पूरी कोशिश करेगी।
ChatGPT की यूजर बेस और सब्सक्रिप्शन डाटा
ChatGPT की लोकप्रियता दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। हाल ही में कंपनी ने खुलासा किया कि इस एआई टूल के 70 करोड़ साप्ताहिक यूजर्स हो चुके हैं। यह आंकड़ा दर्शाता है कि ChatGPT कितनी तेज़ी से आम जनता के बीच जगह बना रहा है। हालांकि, इतने बड़े यूजर बेस के बावजूद, केवल 2 करोड़ यूजर्स ही पेड सब्सक्राइबर्स हैं। यह संख्या कंपनी के लिए चिंता का विषय हो सकती है, क्योंकि बड़े स्तर पर ऑपरेशन को बनाए रखने और नवाचार जारी रखने के लिए स्थायी रेवेन्यू की जरूरत होती है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, OpenAI को उम्मीद है कि वह इस साल यानी 2025 में सब्सक्रिप्शन मॉडल के जरिए लगभग 12.7 बिलियन डॉलर (1.27 खरब डॉलर) का रेवेन्यू जनरेट कर सकती है। फिर भी, कंपनी को 2029 तक सकारात्मक कैश फ्लो की उम्मीद नहीं है। यानी आने वाले 3–4 सालों तक कंपनी अपने निवेश और खर्चों के मुकाबले सीधे लाभ की स्थिति में नहीं पहुंच पाएगी।
विज्ञापन का संभावित प्रभाव और चुनौतियां
ChatGPT जैसे एआई टूल पर विज्ञापन लाना जितना आकर्षक लग सकता है, उतना ही यह चुनौतीपूर्ण भी है। ChatGPT का मूल उद्देश्य यूजर को तेज़, सटीक और वैयक्तिक उत्तर देना है। ऐसे में अगर उपयोग के दौरान विज्ञापन सामने आते हैं, तो यह यूजर अनुभव को बाधित कर सकता है। साथ ही, विज्ञापन को ChatGPT के जवाबों में कैसे और कहां दिखाया जाए, यह भी एक बड़ा प्रश्न है। क्या वे इंटरफेस पर पॉपअप होंगे? या फिर चैट के भीतर कुछ उत्तरों को प्रमोट किया जाएगा? अगर कंपनी इस रास्ते पर जाती है, तो उसे यह भी सुनिश्चित करना होगा कि विज्ञापन किसी प्रकार की भ्रामक या गलत जानकारी ना फैलाएं। इससे न केवल यूजर का भरोसा टूट सकता है, बल्कि कंपनी की साख पर भी असर पड़ सकता है। इसलिए निक टर्ली का यह बयान कि "अगर कभी ऐसा हुआ तो हम बहुत सावधानी से काम लेंगे," एक महत्वपूर्ण संकेत है।