Tech News: 15 जनवरी से WhatsApp पर बंद होगी ये सर्विस, जानें कैसे बचाएं चैट हिस्ट्री?

Meta की नई पॉलिसी के तहत 15 जनवरी 2026 से WhatsApp पर ChatGPT और अन्य थर्ड पार्टी AI चैटबॉट्स का इस्तेमाल बंद हो जाएगा। जानें कैसे अपने चैट इतिहास को सुरक्षित करें और ChatGPT अकाउंट से लिंक करें।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 9 November 2025, 12:25 PM IST
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New Delhi: WhatsApp के करोड़ों यूजर्स के लिए बड़ी खबर सामने आई है। Meta ने अपनी नई पॉलिसी के तहत 15 जनवरी 2026 से WhatsApp पर ChatGPT सहित अन्य थर्ड पार्टी AI चैटबॉट्स के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह बदलाव खासतौर पर WhatsApp Business API यूजर्स को प्रभावित करेगा, जो अपने बिजनेस मैसेजिंग में ChatGPT, Perplexity AI और अन्य AI बॉट्स का उपयोग करते हैं।

Meta की नई पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य प्लेटफॉर्म पर बढ़ते सिस्टम लोड और मैसेज की संख्या को नियंत्रित करना है। कंपनी ने स्पष्ट किया है कि अब WhatsApp पर सामान्य AI चैटबॉट्स का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। OpenAI ने भी अपनी ब्लॉग पोस्ट के जरिए पुष्टि की कि 15 जनवरी 2026 के बाद WhatsApp पर ChatGPT की सुविधा उपलब्ध नहीं होगी। इस समय लगभग 5 करोड़ यूजर्स WhatsApp पर ChatGPT का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो इस पॉलिसी बदलाव से प्रभावित होंगे।

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WhatsApp पर बंद होगी ये सर्विस (img source: google)

WhatsApp चैट हिस्ट्री को कैसे सेव करें?

AI चैटबॉट्स की सुविधा बंद होने से पहले अपने चैट इतिहास को सुरक्षित करना जरूरी है। OpenAI ने इसे आसान बनाने के लिए एक तरीका सुझाया है, जिससे WhatsApp चैट्स को ChatGPT अकाउंट से लिंक किया जा सके। इसके लिए निम्न स्टेप्स फॉलो किए जा सकते हैं:

  • अपने मोबाइल या डेस्कटॉप पर ChatGPT ऐप डाउनलोड करें। यह Android, iOS और वेब ब्राउजर पर उपलब्ध है।

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  • ChatGPT में अपना अकाउंट बनाएं या मौजूदा अकाउंट से साइन इन करें।
  • अपने ChatGPT अकाउंट को WhatsApp से लिंक करें।
  • WhatsApp में ChatGPT प्रोफाइल (1-800-ChatGPT) खोलें।
  • प्रोफाइल में दिए गए URL पर टैप कर अपने अकाउंट को लिंक करें।
  • इस प्रक्रिया के बाद आपका फोन नंबर ChatGPT अकाउंट से जुड़ जाएगा और WhatsApp पर की गई पुरानी चैट्स ChatGPT हिस्ट्री में दिखाई देंगी।

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क्या है बदलाव का असर?

इस नई पॉलिसी के लागू होने के बाद WhatsApp बिजनेस और सामान्य यूजर्स दोनों को अपने AI चैटबॉट्स के विकल्प बदलने होंगे। कई बिजनेस यूजर्स को अब अपने कस्टमर सपोर्ट और ऑटोमैटेड मैसेजिंग के लिए अन्य तरीके अपनाने पड़ सकते हैं। Meta का कहना है कि यह कदम प्लेटफॉर्म की सुरक्षा और उपयोगकर्ता अनुभव बेहतर बनाने के लिए जरूरी है।

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  • New Delhi

Published : 
  • 9 November 2025, 12:25 PM IST