Meta का बड़ा फैसला: फेसबुक पर दूसरों का कंटेंट दोहराने वाले अकाउंट्स पर होगी सख्त कार्रवाई

Meta ने फेसबुक पर बार-बार दूसरों का कंटेंट शेयर करने वाले अकाउंट्स के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। अब कॉपी-पेस्ट या दोहराए गए वीडियो, टेक्स्ट या फोटो पोस्ट करने वाले क्रिएटर्स की रीच घटाई जाएगी और मॉनिटाइजेशन भी रोका जा सकता है।

Post Published By: Sapna Srivastava
Updated : 16 July 2025, 3:49 PM IST
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New Delhi: YouTube के बाद अब Meta ने भी अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Facebook पर दूसरों का कंटेंट बार-बार दोहराने वाले अकाउंट्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की घोषणा कर दी है। कंपनी ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान में कहा कि यह कदम प्लेटफॉर्म की क्वालिटी बनाए रखने और असली क्रिएटर्स को सपोर्ट करने के लिए उठाया गया है।

Meta के अनुसार, इस साल की शुरुआत से अब तक कंपनी ने 1 करोड़ फेक प्रोफाइल्स को हटाया है, जो बड़े कंटेंट क्रिएटर्स की नकल कर रहे थे। साथ ही, लगभग 5 लाख स्पैम और फेक एंगेजमेंट वाले अकाउंट्स पर भी एक्शन लिया गया है।

क्या है Meta की नई पॉलिसी?

Meta की नई नीति के अनुसार, ऐसे अकाउंट्स पर कार्रवाई की जाएगी जो जानबूझकर दूसरों का कंटेंट कॉपी कर उसे दोहराते हैं, चाहे वो टेक्स्ट हो, वीडियो हो या फिर फोटो।

Meta ने साफ किया है कि जिन यूज़र्स का उद्देश्य रिएक्शन वीडियो बनाना, ट्रेंड्स में हिस्सा लेना या अपनी राय जोड़ना है, उन्हें परेशान नहीं किया जाएगा। लेकिन जो अकाउंट्स केवल कॉपी-पेस्ट कंटेंट के भरोसे टिके हैं, उनकी पोस्ट की रीच घटाई जाएगी, उन्हें Facebook की सिफारिशों से हटाया जाएगा और उनका मॉनिटाइजेशन भी बंद किया जा सकता है।

AI से बने 'सस्ते' वीडियो पर भी नजर

भले ही Meta ने सीधे तौर पर AI-जेनरेटेड लो-क्वालिटी कंटेंट का नाम नहीं लिया हो, लेकिन ‘ऑरिजिनल कंटेंट’ को लेकर जारी किए गए दिशा-निर्देशों में यह स्पष्ट कर दिया गया है कि केवल क्लिप्स जोड़ने या वॉटरमार्क लगाने से कोई वीडियो वैल्यू नहीं देता।

AI Content Rules (Source-Google)

एआई कंटेंट नियम (सोर्स-गूगल)

Meta ने क्रिएटर्स को सलाह दी है कि वे ऑथेंटिक स्टोरीटेलिंग पर फोकस करें और ऐसे वीडियो न बनाएं जो केवल AI से बार-बार जनरेट किए गए हों और जिनमें कोई स्पष्ट मूल्य न हो।

क्रिएटर्स के लिए सुझाव

Meta ने कहा है कि ये बदलाव धीरे-धीरे लागू होंगे, ताकि क्रिएटर्स को अपने कंटेंट में जरूरी बदलाव करने का वक्त मिल सके।

क्रिएटर्स Facebook के Professional Dashboard के ज़रिए यह जान सकते हैं कि उनका कंटेंट क्यों कम लोगों तक पहुंच रहा है। साथ ही, Support सेक्शन में यह भी दिखेगा कि क्या उन्हें मॉनिटाइजेशन बंद होने या रेकमेंडेशन से हटने का खतरा है।

Meta को यह कदम क्यों उठाना पड़ा?

AI टेक्नोलॉजी के कारण सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर नकली और दोहराया गया कंटेंट तेजी से बढ़ रहा है। YouTube पहले ही इस पर सख्ती की घोषणा कर चुका है। अब Meta भी इस डिजिटल गंदगी को रोकने के लिए सख्त कदम उठा रहा है।

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