Instagram Update: इंस्टाग्राम पर अब नहीं चलेगी चालाकी, एआई की निगरानी में किशोरों की हरकतों पर लगेगा लगाम

इंस्टाग्राम का स्वामित्व रखने वाली कंपनी मेटा अब एआई की मदद से किशोरों की असली उम्र का पता लगाएगी। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 22 April 2025, 1:40 PM IST
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नई दिल्ली: सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म इंस्टाग्राम पर किशोरों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली तरकीबों पर लगाम लगाने की तैयारी पूरी हो गई है। अब तक कई किशोर फर्जी उम्र दिखाकर या गलत जानकारी देकर प्लेटफॉर्म की नीतियों को चकमा देते रहे हैं, लेकिन अब ऐसा करना इतना आसान नहीं होगा। इंस्टाग्राम का स्वामित्व रखने वाली कंपनी मेटा अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से किशोरों की असली उम्र का पता लगाएगी, ताकि नाबालिगों को प्लेटफॉर्म पर सुरक्षित और उचित अनुभव मिल सके।

क्या है नया बदलाव?

मेटा ने अपने नए अपडेट में कहा है कि वह AI तकनीक के जरिए यूजर्स की उम्र का सत्यापन करेगा। अब तक इंस्टाग्राम केवल अकाउंट बनाते समय यूजर द्वारा दर्ज की गई जन्मतिथि पर निर्भर करता था। लेकिन अब अगर कोई यूजर दिखाता है कि उसकी उम्र 18 साल या उससे ज्यादा है, तो AI उसकी गतिविधियों, प्रोफाइल डिटेल्स और अन्य संकेतों के आधार पर जांच करेगा कि यह दावा सही है या नहीं। अगर प्लेटफॉर्म को संदेह है कि किसी किशोर ने जानबूझकर अपनी उम्र गलत दर्ज की है, तो उसे अपनी उम्र साबित करने के लिए पहचान पत्र (आईडी) अपलोड करना होगा या मेटा के अन्य सत्यापन विकल्पों का पालन करना होगा।

AI कैसे करेगा उम्र की पहचान?

एआई यूजर के व्यवहार, उसकी प्रोफाइल पर पोस्ट की गई सामग्री, फॉलो किए जाने वाले अकाउंट और उसके इंटरैक्ट करने के तरीके जैसे कई संकेतकों का विश्लेषण करेगा। इसके अलावा, कुछ मामलों में यह यूजर के चेहरे को स्कैन करके उसकी उम्र का अनुमान भी लगा सकता है। मेटा का दावा है कि यह सब यूजर की निजता को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा और सारा डेटा गोपनीय रखा जाएगा।

क्यों उठाया गया यह कदम?

मेटा का कहना है कि ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर किशोरों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराना उसकी प्राथमिकता है। कई बार किशोर अनुचित सामग्री तक पहुंच बनाने के लिए अपनी उम्र छिपाते हैं या बढ़ा-चढ़ाकर बताते हैं, जिससे उन्हें मानसिक और भावनात्मक नुकसान हो सकता है। इसके अलावा बाल सुरक्षा संगठनों और अभिभावकों की ओर से बार-बार मांग की जा रही थी कि सोशल मीडिया कंपनियों को उम्र सत्यापन को लेकर और अधिक गंभीर कदम उठाने चाहिए।

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