

रूस सरकार ने WhatsApp और Telegram की कॉल सेवाएं आंशिक रूप से बंद कर दी हैं। इस कदम को राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर उठाया गया है, लेकिन विशेषज्ञ इसे इंटरनेट की आजादी पर हमला बता रहे हैं। साथ ही रूस ने अपना नया मैसेंजर ‘MAX’ लॉन्च किया है जो सरकारी निगरानी में रहेगा।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
New Delhi: रूस सरकार ने WhatsApp और Telegram कॉलिंग सेवाओं को आंशिक रूप से बंद कर दिया है। इस कदम को राष्ट्रीय सुरक्षा और डिजिटल अपराधों पर लगाम के तौर पर पेश किया गया है, लेकिन विशेषज्ञ इसे इंटरनेट पर बढ़ते सरकारी नियंत्रण की नई कड़ी मान रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए फ्रॉड, टेरर फंडिंग, तोड़फोड़ और नागरिकों को भड़काने जैसी घटनाएं सामने आ रही थीं। बार-बार चेतावनी के बावजूद इन कंपनियों ने कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की, जिसके बाद यह कदम उठाया गया।
Telegram और WhatsApp, दोनों ही रूस में अत्यधिक लोकप्रिय हैं। Mediascope की रिपोर्ट के मुताबिक, जुलाई 2025 तक रूस में WhatsApp के 9.6 करोड़ और Telegram के 8.9 करोड़ मासिक यूज़र्स थे। लेकिन अब इन दोनों प्लेटफॉर्म्स पर कॉलिंग में लगातार बाधा आ रही है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
रूस सरकार का कहना है कि ये कदम आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए है, लेकिन इसके पीछे राजनीतिक और रणनीतिक एजेंडा भी देखा जा रहा है। वर्ष 2022 में रूस ने Facebook और Instagram को बैन कर दिया था और उनकी पैरेंट कंपनी Meta को चरमपंथी संस्था घोषित कर दिया था।
रूस अब 'MAX' नामक एक नया राष्ट्रीय मैसेजिंग ऐप लॉन्च कर चुका है, जिसमें यूज़र्स को सरकारी सेवाएं, पेमेंट्स और मैसेजिंग की सुविधा दी जाएगी। जुलाई तक इसमें करीब 20 लाख यूज़र्स रजिस्टर्ड हो चुके हैं। लेकिन इसमें डेटा ट्रांसपेरेंसी और गोपनीयता को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
नई नीति के तहत, अब रूस में बिकने वाले हर स्मार्टफोन में MAX ऐप को अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करना होगा। साथ ही सरकारी एजेंसियों, संस्थानों और बिजनेस सेक्टर्स को अपने कम्युनिकेशन चैनल्स MAX पर ट्रांसफर करने के लिए कहा जा रहा है।
रूस में पहले भी कई बार सोशल मीडिया और इंटरनेट ऐप्स को ब्लॉक किया गया है। लोग अब भी VPN के जरिए इन प्रतिबंधों को बायपास करने की कोशिश करते हैं, लेकिन अब VPN सेवाओं पर भी लगातार कार्रवाई हो रही है। इस गर्मी में रूस सरकार ने कई बार मोबाइल इंटरनेट को भी शटडाउन किया।
एक नया कानून भी लागू किया गया है जिसके तहत यदि कोई व्यक्ति प्रतिबंधित कंटेंट सर्च करता है या शेयर करता है, तो उसे जेल की सजा या भारी जुर्माना झेलना पड़ सकता है।
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