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यह नई WhoFi टेक्नोलॉजी बिना कैमरे या माइक्रोफोन के सिर्फ Wi-Fi सिग्नल के ज़रिए कमरे में मौजूद व्यक्ति की गतिविधियों को ट्रैक करती है।
अब Wi-Fi से होगी निगरानी (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
New Delhi: अब Wi-Fi सिर्फ इंटरनेट चलाने तक सीमित नहीं रहा। रोम की La Sapienza University के शोधकर्ताओं ने एक ऐसी नई तकनीक विकसित की है, जो Wi-Fi सिग्नल का उपयोग करके किसी कमरे में मौजूद व्यक्ति की गतिविधियों को ट्रैक कर सकती है। इस अनोखी टेक्नोलॉजी का नाम है WhoFi, जो बिना कैमरा या माइक्रोफोन के काम करती है और पूरी तरह वायरलेस सिग्नल के बदलावों के आधार पर व्यक्ति की मौजूदगी और मूवमेंट को पहचानती है।
जब कोई व्यक्ति किसी कमरे में होता है, तो Wi-Fi सिग्नल उस कमरे में चारों ओर बाउंस होते हैं। ये सिग्नल दीवारों, वस्तुओं और इंसानों से टकराते हैं और कुछ सिग्नल उनके द्वारा अवशोषित भी हो जाते हैं। हर इंसान का शरीर सिग्नल्स पर अलग प्रतिक्रिया करता है। WhoFi टेक्नोलॉजी इन्हीं छोटे-छोटे बदलावों को सिग्नल की एम्प्लीट्यूड और फेज डिटेल्स के जरिए पकड़ती है।
WhoFi टेक्नोलॉजी करेगी हर मूवमेंट ट्रैक (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
इस प्रक्रिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित न्यूरल नेटवर्क्स का उपयोग होता है, जो व्यक्ति के यूनिक सिग्नल पैटर्न को पहचान सकता है। रिसर्चर्स ने इस टेक्नोलॉजी के लिए एक स्पेशल डेटासेट तैयार किया है, जिसे NTU-Fi कहा गया है। इसी की मदद से सिस्टम को ट्रेंड किया गया है ताकि वह व्यक्ति की पहचान दोबारा किसी दूसरी लोकेशन या कमरे में कर सके। इस सिस्टम की पहचान करने की सटीकता 95.5 प्रतिशत तक पहुंच गई है।
WhoFi की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह किसी भी तरह की इमेज या साउंड रिकॉर्ड नहीं करता। यानी कैमरा या माइक्रोफोन की जरूरत नहीं पड़ती। यह गोपनीयता को सतह पर बनाए रखता है, लेकिन साथ ही यह टेक्नोलॉजी प्राइवेसी के लिए एक खतरा भी बन सकती है। क्योंकि इसके जरिए यह जाना जा सकता है कि कोई व्यक्ति कमरे में क्या कर रहा है- बैठा है, खड़ा है या चल रहा है।
रिसर्च टीम ने यह स्पष्ट किया है कि WhoFi किसी भी बायोमेट्रिक या पर्सनल डेटा को रिकॉर्ड नहीं करता। लेकिन, यह टेक्नोलॉजी घरों, दफ्तरों और सार्वजनिक स्थानों पर लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने में सक्षम है।
हालांकि, फिलहाल यह टेक्नोलॉजी रिसर्च स्तर पर ही है, लेकिन इसके उपयोग की संभावनाएं बहुत व्यापक हैं। यह सिक्योरिटी, हेल्थ मॉनिटरिंग और बिहेवियर ट्रैकिंग जैसे क्षेत्रों में उपयोगी हो सकती है। मसलन, घरों में बुजुर्गों की गतिविधि ट्रैक करने, ऑफिस में सुरक्षा बढ़ाने या फिर मिलिट्री ऑपरेशन में छिपे दुश्मनों का पता लगाने में यह सहायक हो सकती है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि जैसे-जैसे Wi-Fi नेटवर्क और टेक्नोलॉजी दोनों का विस्तार होगा, वैसे-वैसे WhoFi जैसी तकनीकें हमारे जीवन में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं। भविष्य में यह टेक्नोलॉजी स्मार्ट होम्स और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स का अहम हिस्सा बन सकती है।