

यूरोप में भी चीनी ऐप्स पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। मशहूर सोशल मीडिया ऐप TikTok, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WeChat और शॉपिंग ऐप AliExpress पर यूरोपियन यूनियन (EU) में गंभीर डेटा चोरी और गोपनीयता नीति के उल्लंघन के आरोप लगे हैं।
Chinese Apps पर फिर मंडराया बैन का खतरा (फोटो सोर्स-इंटरनेट)
New Delhi: भारत के बाद अब यूरोप में भी चीनी ऐप्स पर शिकंजा कसता नजर आ रहा है। मशहूर सोशल मीडिया ऐप TikTok, मैसेजिंग प्लेटफॉर्म WeChat और शॉपिंग ऐप AliExpress पर यूरोपियन यूनियन (EU) में गंभीर डेटा चोरी और गोपनीयता नीति के उल्लंघन के आरोप लगे हैं। यह शिकायत ऑस्ट्रिया स्थित एडवोकेसी ग्रुप NYOB (None of Your Business) ने दर्ज कराई है, जो डिजिटल प्राइवेसी के मुद्दों पर लंबे समय से काम करता आ रहा है।
NYOB का आरोप है कि इन तीनों चाइनीज ऐप्स ने यूरोपीय यूनियन के डेटा सुरक्षा कानून GDPR (General Data Protection Regulation) का उल्लंघन किया है।
इनका दावा है कि यूजर्स को न तो उनका व्यक्तिगत डेटा एक्सेस करने की सुविधा मिलती है और न ही डेटा डाउनलोड करने का कोई वैध माध्यम। जबकि यूरोपीय कानून के मुताबिक, प्रत्येक नागरिक को अपने डिजिटल डेटा पर पूर्ण अधिकार होना चाहिए।
NYOB ने शिकायत में कहा है कि इन ऐप्स का डेटा स्टोरेज सिस्टम पारदर्शी नहीं है और यह जानकारी नहीं दी जाती कि यूजर्स का डेटा कहां, कैसे और क्यों स्टोर किया जा रहा है।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि इन ऐप्स के जरिए यूजर्स का संवेदनशील डेटा चीन स्थित सर्वरों पर भेजा जा रहा है, जो यूरोपीय साइबर सुरक्षा कानूनों का सीधा उल्लंघन है। यदि यह आरोप साबित हो जाते हैं, तो इन ऐप्स के खिलाफ EU द्वारा कड़ा प्रतिबंध या बैन लगाया जा सकता है।
प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
NYOB का यह भी कहना है कि इन ऐप्स के संचालन में गोपनीयता पारदर्शिता की भारी कमी है और यूजर की सहमति के बिना निजी जानकारी एकत्र की जाती है।
यह पहली बार नहीं है जब चीनी ऐप्स पर डेटा से जुड़ा विवाद खड़ा हुआ हो। भारत सरकार ने भी सुरक्षा कारणों से TikTok, WeChat, UC Browser जैसे 200 से अधिक चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया था।
इससे पहले अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में भी TikTok और अन्य ऐप्स के खिलाफ सुरक्षा जांच और सख्ती की गई थी। अमेरिका में TikTok पर प्रतिबंध लगाने को लेकर लंबे समय से बहस जारी है।
NYOB की ओर से इससे पहले भी Apple, Google (Alphabet) और Facebook जैसी कंपनियों के खिलाफ GDPR उल्लंघन की शिकायतें दर्ज की गई थीं। कुछ मामलों में कंपनियों को भारी जुर्माने का भी सामना करना पड़ा। अब इसी ग्रुप ने TikTok, WeChat और AliExpress जैसी कंपनियों को भी कानूनी कार्रवाई की कतार में खड़ा कर दिया है।
अगर यूरोपियन यूनियन इन शिकायतों को सही पाता है और कार्रवाई करता है, तो यह चाइनीज टेक कंपनियों के लिए बड़ा झटका होगा। यूरोप दुनिया का एक बड़ा डिजिटल मार्केट है, जहां से कंपनियों को भारी मुनाफा होता है। बैन की स्थिति में इनकी प्रतिष्ठा और राजस्व दोनों पर असर पड़ेगा।
चाइनीज ऐप्स पर उठे ये नए सवाल साबित करते हैं कि अब डेटा प्राइवेसी एक वैश्विक चिंता बन चुकी है। भारत, अमेरिका, यूरोप – हर जगह नागरिकों की डिजिटल सुरक्षा को लेकर चेतना बढ़ रही है। अब देखना है कि क्या यूरोपियन यूनियन इस पर सख्त कदम उठाता है या सिर्फ चेतावनी तक मामला सीमित रहेगा।