

यूपी में एक अनोखी शादी चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां एक पति ने खुद अपनी पत्नी का शादी उसके प्रेमी से करवाया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
संत कबीर नगर: उत्तर प्रदेश के संतकबीरनगर जिले में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पति ने अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से करवा दी। यह मामला धनघटा थाना क्षेत्र का है, जहां पति ने पहले कानूनी प्रक्रिया पूरी की और फिर मंदिर में अपनी पत्नी का विवाह उसके प्रेमी से संपन्न करवाया। इस अनोखी शादी की खबर आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई और हर कोई इस पर चर्चा करने लगा।
डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार, धनघटा थाना क्षेत्र के कटार जोत गांव निवासी बबलू की शादी साल 2017 में गोरखपुर जिले के बेलघाट थाना क्षेत्र के भूलनचक गांव निवासी राधिका से हुई थी। शादी के बाद दोनों का वैवाहिक जीवन ठीक-ठाक चल रहा था और इस दौरान उनके दो बच्चे भी हुए, एक 7 साल का बेटा और एक 2 साल की बेटी।
पति ने खुद कराई पत्नी की शादी
बबलू काम की वजह से अक्सर घर से बाहर रहता था, इसी दौरान राधिका का गांव के ही एक युवक से प्रेम संबंध बन गया। जब इसकी भनक परिवारवालों को लगी, तो उन्होंने बबलू को जानकारी दी। बबलू ने पहले अपनी पत्नी को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब वह अपने प्रेमी के साथ ही रहने की जिद पर अड़ गई, तो उसने एक अनोखा फैसला लिया।
पति ने कोर्ट से नोटरी बनवाई, फिर मंदिर में कराई शादी
जब राधिका किसी भी हाल में प्रेमी को छोड़ने को तैयार नहीं हुई, तो बबलू ने पहले कानूनी प्रक्रिया पूरी की और फिर गांव के मंदिर में पत्नी और उसके प्रेमी का विवाह करा दिया। विवाह संपन्न होने के बाद राधिका अपने प्रेमी के साथ चली गई, लेकिन उसने अपने दोनों बच्चों को छोड़ दिया।
पति का बड़ा फैसला – "मैं बच्चों को पाल लूंगा"
पत्नी के जाने के बाद बबलू ने दोनों बच्चों की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली। उसने कहा, "अगर मेरी पत्नी किसी और के साथ खुश रहना चाहती है, तो मैं उसे रोकूंगा नहीं। मैं अपने बच्चों की परवरिश खुद करूंगा और उन्हें अच्छा जीवन दूंगा।"
इस अनोखी शादी की खबर पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गई। कुछ लोग बबलू के फैसले की सराहना कर रहे हैं, तो कुछ इसे समाज में बदलते रिश्तों की मिसाल मान रहे हैं।
कानूनी प्रक्रिया का पालन किया गया
इस पूरे मामले में खास बात यह रही कि बबलू ने कोई विवाद या लड़ाई-झगड़ा करने के बजाय कानूनी रूप से पत्नी को उसका हक देने का फैसला किया। पहले कोर्ट में नोटरी बनवाई और फिर मंदिर में शादी कराई, जिससे इस शादी को सामाजिक मान्यता भी मिल गई।
बबलू के इस फैसले से एक संदेश मिलता है कि अगर रिश्ते में मजबूरी आ जाए, तो लड़ाई-झगड़े के बजाय आपसी सहमति से फैसला लेना ही सही होता है।