

मैनपुरी की करहल सीट पर कांटे की टक्कर चल रही है। जानिए डाइनामाइट न्यूज की माहौल टाइट है की ये ताजा रिपोर्ट
मैनपुरी: यूपी (Uttar Pradesh) की करहल सीट (Karhal Seat) पर मुकाबला रोचक हो गया है। इस सीट पर कांटे की टक्कर चल रही है। क्योंकि मुलायम परिवार के सदस्य ही आमने- सामने हैं। अखिलेश यादव के भतीजे तेज प्रताप सिंह यादव और बहनाई अनुजेश यादव के बीच जंग हो रही है। अनुजेश भाजपा के टिकट पर चुनावी मैदान में हैं।
बता दें कि यूपी उपचुनाव को लेकर डाइनामाइट न्यूज की टीम अपने खास कार्यक्रम माहौल टाइट है के अंतर्गत चुनावी माहौल और जमीनी सच्चाई का जायजा लेने के लिए जनता के बीच उतरी है। सपा और भाजपा में किसका पलड़ा भारी है, इसको लेकर वहां की जनता ने अपना चुनावी मूड और बेबाक राय डाइनामाइट न्यूज को बतायी।
एक मतदाता ने बताया कि करहल में जितना भी विकास हुआ है वह सिर्फ समाजवादी पार्टी की बदौलत है।
सपा का गढ़ है यह सीट
अधिकतर मतदाताओं ने बताया कि यह मंत्री जी की सीट है। यादव बाहुल्य यह सीट सपा का गढ़ मानी जाती है। यहां लोग प्रत्याशी को नहीं, सपा के नाम पर वोट देते हैं। मैनपुरी जनपद में सपा का दबदबा है।
एक मतदाता ने डाइनामाइट न्यूज को बताया कि सपा परिवारवादी पार्टी है। उन्हें अपने परिवार के अलावा कोई उम्मीदवार नही दिखता है।
यादव बनाम यादव की लड़ाई
एक मतदाता ने बताया कि करहल में अब सपा बनाम भाजपा नहीं, बल्कि यादव बनाम यादव की लड़ाई होगी। लेकिन, मतदाताओं का झुकाव सपा की तरफ ज्यादा दिखाई दे रहा है। भाजपा ने यहां पूरी ताकत झोंक रखी है। सपा की ओर से अखिलेश यादव ने खुद कमान संभाल रखी है।
करहल सीट पर दो दामादों का मुकाबला है। एक लालू के, तो दूसरे मुलायम के। यहां से भाजपा ने 2002 में चुनाव जीता था। इसके बाद सोबरन सिंह सपा में शामिल हो गए। उसके बाद से यह सीट लगातार सपा के पास है।
क्या है करहल का जातीय समीकरण?
करहल विधानसभा सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 382378 है, जिसमें 207457 पुरूष मतदाता और 174917 महिला मतदाता हैं। करहल विधानसभा सीट पर मतदाताओं के जातिगत आंकड़े कुछ इस तरह हैं। इलाके में यादव 30 फीसदी, शाक्य 15 फीसदी, ठाकुर 9 फीसदी, ब्राह्मण 6 फीसदी, लोधी 3 फीसदी, एससी 14 फीसदी, मुस्लिम 5 फीसदी और अन्य मतदाता 18 फीसदी हैं।
बता दें कि करहल विधानसभा शुरू से ही सपा का गढ़ रही है। इस सीट पर सपा मुखिया अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद उपचुनाव हो रहे हैं। अखिलेश अब कन्नौज से सांसद चुने गए है। उन्होंने यह सीट खाली की है और अपने भतीजे तेजप्रताप को यहां से उम्मीदवार घोषित किया है। लेकिन भाजपा ने मुलायम के कुनबा से अनुजेश यादव को उतार कर सपा के लिए टेंशन बढ़ा दी है।
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