फतेहपुर: पीड़ित के पैसा मांगने पर फर्जी मुकदमे की धमकी, जाने पूरा मामला

फतेहपुर के थाना क्षेत्र में अवैध कारोबार पर नहीं लगा पा रही लगाम पीड़ित के पैसा मांगने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की दे रहे धमकी पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 3 September 2024, 3:59 PM IST
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फतेहपुर: (Fatehpur) असोथर थाना (Asauthar Police Station) क्षेत्र में उपनिरीक्षकों के द्वारा दूसरे थाना क्षेत्र अंतर्गत गुडवर्क और पैसा कमाने का मामला प्रकाश में आया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार दूसरे थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति से अवैध शराब (Illegal Liqour) बिक्री को लेकर बरामद करते हुए थाने लाकर मुकदमा (Case) न लिखने को लेकर उपनिरीक्षकों ने व्यक्ति से पैसे (Money) लेने का आरोप हैं। पीड़ित द्वारा पैसे मांगने पर फर्जी मुकदमे (Fake Case) में फंसाने की धमकी (Threat) दे रहे हैं।

जाने पूरा मामला

थरियांव थाना क्षेत्र अंतर्गत बबरापुर मजरे शाहीपुर थाना थरियांव निवासी राधेलाल पासवान पुत्र स्व बाबू लाल ने कहा कि 25 तारीख को कमालीपुर गांव चौराहे पर स्थित मेरी पान मसाले की दुकान से दो पेटी देशी शराब की बिक्री करते हुए असोथर थाने के उपनिरीक्षक राजेश यादव, देवी दयाल वर्मा और अविनाश यादव ने तलाशी दौरान बरामद करते हुए थाने ले आए। मुकदमा न दर्ज करने के एवज में 10 हजार रूपये रिश्वत की मांग किया। जिसपर मैने अपने भतीजे फूलचंद्र को सूचना देते हुए रूपये मंगवाया। उपनिरीक्षक राजेश यादव को देवी दयाल वर्मा और भतीजे फूलचंद्र के समक्ष 10 हजार रूपये दिया। उपनिरीक्षक ने सादे कागज पर मेरा अंगूठा लगवाकर मेरे भतीजे के साथ घर भेज दिया। 

फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी

जब पीड़ित को मामले की जानकारी हुई कि पुलिस ने मेरे खिलाफ 55 क्वाटर देसी शराब बेचने का मुकदमा पंजीकृत किया है। जब पीड़ित ने अपने रूपये मांगे तो उपनिरीक्षकों ने गाली गलौज और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए किसी से शिकायत करने पर फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। जिसकी पीड़ित ने लिखित रूप से जरिए डाक फतेहपुर पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल से शिकायत किया है। 

थाना प्रभारी निरीक्षक विनोद कुमार मौर्य से मामले पर जब फोनिक वार्ता की गई तो कहा कि थाना क्षेत्र के बार्डर में अवैध देशी शराब की बिक्री करते हुए अभियुक्त को 55 देशी शराब की बोतलों के साथ पकड़ा गया है। जिसपर मुकदमा दर्ज करते हुए निजी मुचलके पर आरोपी को छोड़ दिया गया था। रिश्वत लेने की जानकारी नहीं है। जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।