दिवंगत पीडब्ल्यूडी अधिकारी की पत्नी को अदालत ने ठहराया दोषी, जानिये पूरा मामला
प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि भोपाल की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने मध्यप्रदेश सरकार के एक दिवंगत अधिकारी की पत्नी को दंपती के खिलाफ आय से ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के मामले में धन शोधन के आरोप में दोषी करार दिया तथा तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
भोपाल: प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि भोपाल की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने मध्यप्रदेश सरकार के एक दिवंगत अधिकारी की पत्नी को दंपती के खिलाफ आय से ज्ञात स्रोत से अधिक संपत्ति रखने के मामले में धन शोधन के आरोप में दोषी करार दिया तथा तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनायी है । जांच एजेंसी ने इसकी जानकारी दी।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बताया कि अदालत ने भारती भासने को तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाए जाने के साथ ही उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इससे पहले अदालत ने उसे धनशोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया था।
ईडी ने बयान जारी कर बताया कि अदालत ने महिला की 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति (जीवन बीमा पॉलिसी) कुर्क करने का भी आदेश दिया।
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बयान में कहा गया है कि जांच के बाद ईडी ने भासने और उसके पति जितेंद्र कुमार भासने के खिलाफ लोकायुक्त पुलिस की ओर से भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के तहत दर्ज प्राथमिकी के आधार पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया। जितेंद्र राज्य सरकार के लोक कल्याण विभाग में अधीक्षण अभियंता के पद पर कार्यरत थे ।
ईडी ने कहा कि दंपती के खिलाफ आरोप पत्र दायर किये जाने से पहले बीमारी के कारण जितेंद्र कुमार भासने की मौत हो गयी । इसमें कहा गया है कि इसलिये जांच एजेंसी ने अप्रैल 2018 में आरोप पत्र भारती के खिलाफ दायर किया था ।
एजेंसी ने कहा कि जांच में यह पता चला कि ‘‘निर्धारित जांच अवधि’’ के दौरान, भारती ने अपने और अपने परिजनों के नाम पर 2,76,10,844 रुपये की राशि का निवेश किया था।
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ईडी ने इस राशि को पीएमएलए के तहत ‘‘अपराध से अर्जित आय’’ बताया था।