सुप्नीम कोर्ट ने पुलिस कर्मियों की जांच के लिए एसआईटी गठन को लेकर दिया ये नया आदेश

डीएन ब्यूरो

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें चंडीगढ़ पुलिस के पुलिसकर्मियों द्वारा दंत चिकित्सक का कथित तौर पर अपहरण किये जाने के मामले में एक प्राथमिकी दर्ज कर जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने को कहा गया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उच्चतम न्यायालय
उच्चतम न्यायालय


नयी दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी जिसमें चंडीगढ़ पुलिस के पुलिसकर्मियों द्वारा दंत चिकित्सक का कथित तौर पर अपहरण किये जाने के मामले में एक प्राथमिकी दर्ज कर जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने को कहा गया है। आरोप है कि दंत चिकित्सक को एक अदालत में पेश होने से रोकने के लिए उसका कथित तौर पर अपहरण किया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने दंत चिकित्सक मोहित धवन से भी जवाब मांगा है जिनकी याचिका पर उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था।

न्यायमूर्ति बोपन्ना ने कहा कि इस मामले पर विस्तार से विचार करने की जरूरत है इसीलिए अदालत उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने का निर्देश देती है। पीठ ने चंडीगढ़ पुलिस को इस मामले के संबंध में सीसीटीवी फुटेज और कॉल विवरण सहित अन्य रिकॉर्ड को संरक्षित करने का निर्देश दिया।

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आदेश पर रोक लगाते हुए पीठ ने कहा कि मामले की सुनवाई पांच सप्ताह बाद की जाएगी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज ने कहा, ‘‘ एक अग्रिम जमान अर्जी पर सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय पुलिस अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने समेत जांच के लिए पंजाब पुलिस को विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने का आदेश कैसे दे सकता है। यह पूरी तरह अधिकारक्षेत्र से बाहर का मामला है।’’

धवन के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कहा कि यह पुलिस की ज्यादतियों के उन सबसे खराब मामलों में से एक है जो अब तक सामने आई हैं।

उन्होंने कहा कि चंडीगढ़ के दंत चिकित्सक धवन ने इलाज कराने वाली नैरोबी की एक महिला पर बकाया राशि की वसूली के लिए एक मुकदमा दायर किया था। उन्होंने कहा कि इसके कारण दंत चिकित्सक को कथित रूप से महिला का अनुचित उपचार प्रदान करने की शिकायतों के आधार पर फंसाया गया।

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भूषण ने कहा, ‘‘दंत चिकित्सक के खिलाफ तीन अलग-अलग शिकयतें दर्ज की गई थीं जिनमें से दो मामलों में उन्हें अग्रिम जमानत मिल गई थी। तीसरे मामले में उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने के लिए कहा गया। लेकिन सुनवाई के दिन चंडीगढ़ अपराध शाखा की टीम ने उनका अपहरण कर लिया गया।’’

उच्च न्यायालय ने तीन मार्च को पंजाब के पुलिस महानिदेशक को हफ्तेभर में एसआईटी गठित करने का आदेश दिया था। उच्चतम न्यायालय ने 15 मार्च को कहा था कि वह चंडीगढ़ प्रशासन की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।\










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