सिद्धार्थनगर: जिम्मेदारों की मनमानी से कई गरीबों के टूट सपने, नहीं मिला सरकारी आवास

डीएन ब्यूरो

गरीबों का छत का सपना पूरा करने के लिये केंद्र और राज्य सरकार द्वारा भले की ही कई योजनाएं चलाई जा रही हों लेकिन कई गरीब अब भी इससे वंचित हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



सिद्धार्थनगर: केंद्र और राज्य सरकार द्वारा गरीबों को पक्का मकान दिए जाने की योजनाओं चलाई जा रही हैं। लेकिन सरकार की इन योजनाओं के बाद भी कई गरीबों का एक छत का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। जनपद के इटवा विकासखण्ड में भी ऐसे कई उदाहरण सामने आये हैं, जहां जिम्मेदारों की लापरवाही और अनदेखी के कारण जरूरतमंद लोगों को सरकार द्वारा दिया जाने वाला पक्का मकान नहीं मिल सका।   

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इटवा विकासखण्ड के ग्राम पिपरा छंगत के कई लोग लंबे समय से सरकारी योजना के तहत पक्के मकान की आस लगाये हुए हैं लेकिन जनप्रतिनिधियों और जिम्मेदारों की लापरवाही से उनका यह सपना सालों से पूरा नहीं हो सका।

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डाइनामाइट न्यूज़ के साथ बातचीत में इन ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उनके गांव में आवास ऐसे लोगों का पास किया गया है, जिनके पास दो मंजिला मकान मौजूद है। जबकि गरीब किराए के मकान, कच्चा छप्पर और टूटी झुग्गियों में रहते हैं। लेकिन प्रशासन की निगाह गरीबों तक नही पहुंचती है। 

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एक ग्रामीण विधवा महिला ने कहा कि गांव में न जाने कितने प्रधान आए लेकिन कुछ नहीं हुआ जबसे उसकी शादी हुई है तभी से उसका परिवार छप्पर के मकान में रहता है। 
ग्रामीणों का आरोप है कि शासन प्रशासन और जिम्मेदारों की मनमानी के कारण उनका सरकार आवास का सपना पूरा नहीं हो पा रहा है। 

 










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