फतेहपुर ट्रिपल हत्याकांड: पहले गोलियों से किया छलनी, मन नहीं भरा तो शव को डंडों से पीटा, पीएम रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा

बाप, बेटे और चाचा की हत्या के बाद फतेहपुर में तनाव का माहौल है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हत्या के बाद भी आरोपियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 10 April 2025, 1:00 PM IST
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फतेहपुर: जिले के हथगाम थाना क्षेत्र के अखरी गांव में हुए तिहरे हत्याकांड ने पूरे इलाके को दहला कर रख दिया है। मंगलवार सुबह हुए इस दर्दनाक वारदात में ग्राम प्रधान रामदुलारी के परिवार के तीन सदस्यों की गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि हमलावरों के भीतर गहरी रंजिश थी, जो सिर्फ हत्या से शांत नहीं हुई। उन्होंने मृतकों की लाशों पर डंडे बरसाकर अपनी भड़ास निकाली।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मृतक विनोद सिंह उर्फ पप्पू को 312 और 32 बोर के तमंचों से पांच गोलियां मारी गईं। छाती, पेट और कमर के नीचे गोलियों के निशान पाए गए। गोलियों के साथ कई छर्रे भी शरीर से निकाले गए। पप्पू के बेटे अभय को दो गोलियां सीने और पेट में मारी गईं, जबकि उसके भाई अनूप को कनपटी पर एक गोली लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि पप्पू को गोली मारने के बाद डंडों से पीटा गया, डंडा खून से सना मिला।

कई सालों से चल रही थी रंजिश, चुनावी हार बनी वजह

हत्या की जड़ें वर्षों पुरानी पारिवारिक और राजनीतिक रंजिश में छिपी हैं। पप्पू सिंह और हत्यारोपी पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू के परिवारों के बीच वर्षों से तनातनी चल रही थी। विवाद कभी गाली-गलौज तो कभी मारपीट तक पहुंचता रहा। पंचायत चुनावों में लगातार हार और गांव की सत्ता पर पकड़ कमजोर होने से सुरेश सिंह पक्ष में नाराजगी थी। एक साल पहले राशन दुकान में अनियमितता की शिकायत कर पप्पू सिंह ने कोटा बंद करवा दिया था, जिसे पूर्व प्रधान का गुट चलाता था। इसके अलावा सरकारी जमीन की पैमाइश करवा कर उसे भी अपने पक्ष में करवाने के बाद से विवाद और गहराया।

वीडियो से खुली पुलिस की लापरवाही की पोल

वारदात के बाद सोशल मीडिया पर दो पुराने वीडियो वायरल हो रहे हैं। एक अगस्त 2024 का बताया जा रहा है, जिसमें आरोपी सुरेश सिंह पप्पू सिंह के साथ मारपीट करते दिख रहे हैं। दूसरा वीडियो 2021 का है, जिसमें पप्पू और पुलिसकर्मियों के बीच बहस हो रही है। पप्पू सिंह पुलिस से साफ कह रहे हैं कि वह मौत से नहीं डरते और पुलिस चाहे जितने मुकदमे दर्ज कर ले। वीडियो में एक दरोगा पप्पू को गंदी गालियां देता नजर आ रहा है, जबकि पप्पू उसे सम्मान देने की बात कर रहा है। इन वीडियो से यह जाहिर होता है कि पीड़ित पक्ष ने पहले भी पुलिस से शिकायत की थी, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं हुई।

मायावती का योगी सरकार पर हमला

बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने इस हत्याकांड पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, "उत्तर प्रदेश में आए दिन छोटी-छोटी बातों पर लोगों का उत्पीड़न हो रहा है। फतेहपुर में एक ही किसान परिवार के तीन ठाकुरों और एक दलित की हत्या से लोग दहशत में हैं। सरकार दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे और पीड़ित परिवार को समय से न्याय दिलाए।"

तीन गिरफ्तार, दस टीमें गठित, गांव में भारी पुलिस बल तैनात

परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने पूर्व प्रधान सुरेश सिंह उर्फ मुन्नू, उसके बेटे पीयूष और साथी भूपेंद्र, सज्जन, विवेक और जान उर्फ विपुल के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि शेष की गिरफ्तारी के लिए 10 टीमें लगाई गई हैं। गांव में तनाव को देखते हुए पुलिस और पीएसी की तैनाती की गई है।

राजनीतिक वर्चस्व और निजी अदावत ने ली तीन जानें

इस तिहरे हत्याकांड ने साबित कर दिया है कि पंचायत राजनीति और व्यक्तिगत दुश्मनी जब चरम पर पहुंचती है, तो खून-खराबा टालना मुश्किल हो जाता है। सवाल यह भी उठ रहा है कि अगर पुलिस ने पहले ही शिकायतों को गंभीरता से लिया होता तो क्या यह हत्या रोकी जा सकती थी? जांच जारी है, लेकिन गांव में भय और गुस्से का माहौल अभी भी कायम है।