महराजगंज: स्कूल बना जुआरियों का बसेरा, छुट्टी के बाद होती है बावन पन्नों के किताब की पढ़ाई

डीएन ब्यूरो

महराजगंज जिले के निचलौल में बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ जुआरियों की एक अगल क्लास नजर आ रही है। जहां दिन में बच्चें पढ़ते हैं और शाम में जुआरी मजे करते हैं। सबसे खास बात ये है कि यहां के जिम्मेदार और प्रशासन दोनों ही इस बात से अंजान हैं। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर..

स्कूल में शाम के समय जुआरियों की झुंड
स्कूल में शाम के समय जुआरियों की झुंड


निचलौल(महराजगंज): पूरे प्रदेश से 1 जुलाई से स्कूल खुल चुके हैं। बच्चों और शिक्षकों का आना शुरू हो चुका है। लेकिन कुछ स्कूल ऐसे भी हैं जहां बच्चों की पढ़ाई के साथ-साथ जुआरियों का खेल भी चलता है। महराजगंज जिले के निचलौल के पूर्व माध्यमिक विद्यालय में एक मामला देखने को मिला जहां स्कूल की छुट्टी के बाद स्थानीय जुआरियों की क्लास चलती है।

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स्कूल

स्कूल के बरामदे में बावन पन्नों की किताब से जुआरी पढ़ रहें हैं, वहीं इस बात से स्कूल के जिम्मेदार बेखबर हैं। जिम्मेदारों की माने तो वहां से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर ही स्थानीय थाना निचलौल की सरहद है जहां जुआरी बेखौफ होकर बावन पत्ती खेल रहें हैं।

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आखिर जुआरियों की चल रही इस व्यक्तिगत क्लास का जिम्मेदार कौन?  पुलिस प्रशासन या फिर शिक्षा विभाग, अपनी खाला का घर समझकर स्कूल में जुआ खेलने वाले जुआरियों की इन करतूतों से कस्बे में चर्चाओं का बाजार गरम है।










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