राहुल गांधी की अमेरिका यात्रा के मकसद को लेकर सैम पित्रोदा का बड़ा बयान, जानिये क्या कहा
इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा कि जून में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अमेरिका की यात्रा का मकसद ‘वास्तविक लोकतंत्र’ के साझा मूल्यों को बढ़ावा देना है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
वाशिंगटन: इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने कहा कि जून में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अमेरिका की यात्रा का मकसद ‘वास्तविक लोकतंत्र’ के साझा मूल्यों को बढ़ावा देना है।
राहुल का इस यात्रा के दौरान विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत करने तथा एक बैठक को संबोधित करने का कार्यक्रम है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार इंडियन ओवरसीज कांग्रेस ने बताया कि राहुल का सैन फ्रांसिस्को, वाशिंगटन और न्यूयॉर्क जाने का कार्यक्रम है, जहां वह भारतीय अमेरिकियों की दो बैठकों को संबोधित कर सकते हैं, संसद भवन में सांसदों और थिंक टैंक के सदस्यों से मुलाकात कर सकते हैं साथ ही विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत कर सकते हैं। इन कार्यक्रमों को इंडियन ओवरसीज कांग्रेस आयोजित कर रहा है।
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कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की अमेरिकी यात्रा के मकसद तथा एजेंडा के बारे में ब्योरा देते हुए पित्रोदा ने कहा, ‘‘हम यहां शिकायत करने के लिए नहीं हैं। हम यहां यह साझा करने के लिए हैं कि भारत में क्या चल रहा है। भारतीय लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम लोगों को जमीनी हकीकत के बारे में बताएं।’’
उन्होंने शिकागो में कांग्रेस समर्थकों के एक समूह से कहा,‘‘ हम किसी से आने और मदद करने के लिए नहीं कह रहे। हम समस्याओं से निपट सकते हैं। हम आपके साथ साझा करना चाहते हैं कि किस चीज की जरूरत है।’’
पित्रोदा कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस को मिली जीत की खुशी में आयोजित एक कार्यक्रम को शिकागो में संबोधित कर रहे थे। इसका आयोजन समुदाय के नेता इफ्तिकार शेरिफ और ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस-यूएसए’ ने किया था।
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उन्होंने रविवार को एक बयान में कहा, ‘‘उनकी (राहुल गांधी) यात्रा का मकसद संपर्क बनाना, बातचीत तथा विभिन्न लोगों, संस्थाओं तथा मीडिया के साथ वार्ता करना है। इनमें भारतीय समुदाय भी शामिल है जिनकी संख्या अमेरिका में तथा विदेशों में बढ़ रही है। इस दौरान वह विश्व भर में स्वतंत्रता, समावेश, स्थिरता, न्याय, शांति आदि पर केंद्रित वास्तविक लोकतंत्र के साझा मूल्यों और दृष्टिकोण को बढ़ावा देंगे।’’