Raebareli: मंदिर की खुदाई में निकली प्राचीन मूर्तियां, गुप्त व चोल काल की होने का दावा; जानें पूरा सच

डीएन ब्यूरो

रायबरेली में एक प्राचीन शिव मंदिर के जीर्णोद्धार के पहले हुई खुदाई के दौरान मिली मूर्तियों को प्राचीन काल का बताया जा रहा है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

खुदाई के दौरान मिली मूर्तियां
खुदाई के दौरान मिली मूर्तियां


रायबरेली:  रायबरेली में एक पुराने मंदिर का जीर्णोद्धार कराते समय जमीन के नीचे से जो निकला उसे देखकर हर कोई अचंभित रह गया। दावा किया जा रहा है कि मंदिर के नीचे से सैकड़ों वर्ष पुरानी देवी देवताओं की मूर्तियां मिली हैं। इन देवी देवताओं की मूर्तियों को देखने के लिए ग्रामीणों की भारी भीड़ जुट रही है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवादाता के अनुसार यह मामला डलमऊ कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत सुरसना गांव का है। जहां ग्रामीणों के द्वारा सैकड़ो वर्ष पुराने शिव मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जा रहा था। तभी खुदाई के समय वहां एक के बाद एक देवी देवताओं की मूर्तियां निकलने लगी। जैसे ही इसकी सूचना गांव के अन्य लोगों को लगी, घटनास्थल पर ग्रामीणों की भारी भीड़ जुड़ गई। स्थानीय लोगों की सूचना पर पहुंची पुलिस व राजस्व की टीम ने देवी देवताओं की मूर्तियों को कब्जे में लेकर पुरातत्व विभाग को सूचना दी।

मंदिर का इतिहास कोई नहीं जानता

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पूर्व सैनिक श्याम सिंह ने बताया कि हमारे गांव में प्राचीन शिव मंदिर है। इस मंदिर की स्थापना कब व किसने की इसका इतिहास हमारे गांव का रहने वाला कोई भी व्यक्ति बताने में सक्षम नहीं है। कई वर्षों से यहां शिवरात्रि के उपलक्ष्य में भगवान भोलेनाथ का एक बड़ा मेला लगता है। हमारे गांव व क्षेत्र के बड़े-बड़े दुकानदार भी यहां आते हैं। हम लोगों ने सामूहिक रूप से प्रयास किया कि इसका जीर्णोद्धार किया जाए। उन्होंने बताया कि 5 दिसंबर 2024 से सब लोग मिलकर इसका निर्माण कार्य कर रहे हैं। इस दौरान इसके अंदर से पुरानी दबी हुई पुरानी मूर्तियां जो दबी हुई थी उन्हें निकाला गया।

मूर्तियों पर विशेष लिपी में लिखा है

श्याम सिंह ने बताया कि उसमें विशेष लिपी में कुछ लिखा हुआ है। जब उसे पढ़ने की कोशिश की गई तो हम उसे पढ़ नहीं पाए। जब यहां के बड़े बुजुर्ग लोगों से इसके बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि हो सकता है कि एक गुप्त काल या फिर चोल वंश शासन में बनाई गई मूर्तियां होंगी। इसी समय में इस मंदिर की स्थापना भी की गई होगी। मूर्तियों के साथ-साथ यहां एक विशेष प्रकार का शिवलिंग भी मिला है जो आमतौर पर शिव मंदिर में नहीं दिखाई देता है। उन्होंने कहा, हम सरकार से आग्रह करते हैं कि इस मंदिर की सही जानकारी इकट्ठा करें और यहां एक अच्छा प्राचीन मंदिर भी बने।

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