

भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) ने युवाओं को हुनरमंद और पेशेवर बनाने के लिये गुणवत्ता गुरुकुल शुरू किया है। इस पहल का मकसद ऐसे कुशल युवाओं को तैयार करना है जो शिक्षा और उद्योग की जरूरत के बीच की कमी को दूर कर सके। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर
नयी दिल्ली: भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यूसीआई) ने युवाओं को हुनरमंद और पेशेवर बनाने के लिये गुणवत्ता गुरुकुल शुरू किया है। इस पहल का मकसद ऐसे कुशल युवाओं को तैयार करना है जो शिक्षा और उद्योग की जरूरत के बीच की कमी को दूर कर सके।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार परिषद ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि 8-सप्ताह का यह कार्यक्रम युवाओं के लिए पेशेवर करियर में बदलाव लाने की दिशा में उठाया गया कदम है।
भारतीय गुणवत्ता परिषद के अध्यक्ष जक्षय शाह ने बयान में कहा, ‘‘...कार्यक्रम के माध्यम से हमारा लक्ष्य ऐसे उम्मीदवारों की पहचान करना है जो नवोन्मेष, कुछ करने का जुनून, विविधता और समावेश तथा प्रभावी संचार जैसे गुणों में निपुण हों। कार्यक्रम का मकसद ऐसे युवाओं का एक समूह तैयार करना है जो जिस भी क्षेत्र में काम करें उसमें गुणवत्ता, मानकीकरण और उत्कृष्टता के अगुवा बनें।’’
गुणवत्ता गुरुकुल के छात्रों को प्रशिक्षण के दौरान 15,000 रुपये का वजीफा मिलेगा और सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को प्रशिक्षण खत्म होने पर क्यूसीआई और इससे संबंधित निकायों के साथ काम करने का अवसर भी मिलेगा।
गुणवत्ता गुरुकुल कार्यक्रम के प्रमुख सुब्रतो घोष ने कहा, “यह कार्यक्रम कुशल युवाओं का एक समूह तैयार करेगा जो शिक्षा और उद्योग की तैयारी के बीच की कमी को पाटने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे और 2047 तक भारत को विकसित बनाने के दृष्टिकोण में एक अभिन्न हिस्सा बनेंगे। ’’
उन्होंने कहा कि किसी भी विषय में हाल ही में उत्तीर्ण हुए स्नातक और शून्य से दो साल तक का अनुभव रखने वाले युवा पेशेवरों के लिए तैयार गुणवत्ता गुरुकुल के तहत उन्हें पेशेवर यात्रा में सफलता दिलाने के लिये कौशल बढ़ाने पर ध्यान दिया जायेगा। पाठ्यक्रम में ‘कैंपस से वर्कप्लेस’, शोध, डेटा एनालिसिस, और गुणवत्ता मानकों को समझना और लागू करना शामिल हैं।
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