

जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले को आज भी याद किया जाता है। उस दिन क्या हुआ और भारत ने इसका जवाब कैसे दिया? पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
नई दिल्ली: 14 फरवरी 2019, भारत के इतिहास में एक काला दिन था जब जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया था। इस हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे। जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। पुलवामा हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बलों ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की, जो भारत के कड़े जवाब का प्रतीक बन गई।
बता दें कि, 14 फरवरी को पुलवामा में श्रीनगर-नेशनल हाईवे पर सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से श्रीनगर की ओर जा रहा था। काफिले में 60 से अधिक सैन्य वाहन शामिल थे, जिनमें लगभग 2547 जवान मौजूद थे। अवंतीपोरा के गोरीपोरा के पास एक संदिग्ध कार ने काफिले की बसों से टक्कर मारी, जिसके बाद एक जबरदस्त विस्फोट हुआ। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसकी आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी और आसपास का इलाका धुएं और आग से भर गया। इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए, और यह घटना पूरे देश के लिए शोक का कारण बन गई।
जैश-ए-मोहम्मद, जो पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन है, ने इस हमले की जिम्मेदारी ली। यह हमला न केवल भारत के सुरक्षा बलों के लिए, बल्कि पूरी भारतीय जनता के लिए एक आघात था। इस हमले ने देशवासियों को गहरे दुख में डुबो दिया और हर भारतीय के मन में आतंकवाद के खिलाफ एक कड़ा संदेश देने की आवश्यकता को महसूस कराया।
भारत ने दिया मुहतोड़ जवाब
पुलवामा हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की और 25 फरवरी 2019 की रात को पाकिस्तान के बालाकोट स्थित आतंकवादी शिविरों पर एयरस्ट्राइक की। भारतीय वायुसेना के विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर बम गिराए, जिससे लगभग 300 आतंकवादी मारे गए। इस हमले को बालाकोट एयर स्ट्राइक के नाम से जाना जाता है। इस कार्रवाई के दौरान, भारत के मिग-21 बाइसन लड़ाकू विमान ने पाकिस्तानी एफ-16 को मार गिराया। हालांकि, इस ऑपरेशन के दौरान भारतीय पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान का विमान पाकिस्तानी सीमा में गिर गया और उन्हें पाकिस्तान ने पकड़ लिया। लेकिन पाकिस्तान ने 1 मार्च 2019 को अभिनंदन को भारत को सौंप दिया और उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया।
पुलवामा हमले ने भारतीय सुरक्षा बलों और नागरिकों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने और आतंकवाद को कभी भी सहन नहीं करने के बात को महसूस कराया। हालांकि, 14 फरवरी 2019 को हुआ पुलवामा हमला और उसके बाद की भारतीय प्रतिक्रिया आज भी याद की जाती है।