Parliament Budget Session: लोकसभा में सरकार पर बरसे राहुल गांधी, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

संसद के बजट सत्र के दौरान राहुल गांधी ने भाजपा सरकार को आड़े हाथ लिया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

लोकसभा में राहुल गांधी
लोकसभा में राहुल गांधी


नई दिल्ली: संसद के बजट के सत्र के दौरान सोमवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा शुरू हुई। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने भी चर्चा में हिस्सा लिया। उन्होंने बेरोजगारी, मेक इन इंडिया, मैन्युफैक्चरिंग, कंप्यूटर क्रांति समते कई मुद्दों पर भाजपा को जमकर घेरा।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने सरकार पर करारा हमला करते हुए कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में कुछ भी नया नहीं था। उसमें हर चीज वह थी, जो हम सब कई सुन चुके हैं। 

राहुल गांधी ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान जो कुछ भी कहा जा रहा था, उस पर ध्यान बनाए रखने के लिए मुझे संघर्ष करना पड़ा। ऐसा इसलिए, क्योंकि मैंने पिछली बार भी कुछ ऐसा ही सुना था।

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उन्होंने कहा कि उससे पहले भी लगभग इसी तरह का अभिभाषण सुना था। यह सरकार के कार्यों की एक ही सूची थी। इस सरकार ने लगभग 50-100 काम ही किए होंगे। मुझे लगता है कि राष्ट्रपति का अभिभाषण ऐसा नहीं होना चाहिए था, जैसा दिया गया।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया एक अच्छा आईडिया है, उन्होंने ट्राई किया, लेकिन यह पूरी तरह से फेल है। ऐसा नहीं कह सकते कि पीएम ने कोशिश नहीं की लेकिन वो नाकाम रहे। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गिरती विकास दर को लेकर भी मोदी सरकार पर निशाना साधा।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि भले ही हम बढ़े हैं, हम तेजी से बढ़े हैं, थोड़ी धीमी गति से बढ़ रहे हैं, लेकिन हम बढ़ रहे हैं। एक सार्वभौमिक समस्या, जिसका हमने सामना किया है, वह है बेरोजगारी। हम बेरोजगारी की समस्या से निपटने में सक्षम नहीं हैं। न तो यूपीए सरकार और न ही आज की एनडीए सरकार ने इस देश के युवाओं को रोजगार के बारे में कोई स्पष्ट जवाब दिया है।

वहीं बेरोजगारी के मुद्दे पर राहुल गांधी ने कहा कि बेरोजगारी के मुद्दे पर ना तो यूपीए सरकार ने ना ही एनडीए सरकार ने युवाओं को संतोषजनक जवाब दिया है। 

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राहुल गांधी ने कहा कि हमारी विदेश नीति ऐसी ना हो कि हमें अमेरिका को राष्ट्रपति के शपथ समारोह में न्योते के लिए पत्र लिखना पड़े।

राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव से पहले दो चुनाव आयुक्त लाए जाने पर भी सवाल उठाया और कहा कि कैलकुलेटेड रणनीति थी। चुनाव आयोग में हमें न्याय नहीं मिलेगा। 

उन्होंने भगवान शिव का जिक्र करते हुए कहा कि देश को पुरानी विरासत से जुड़े रहने की जरूरत है। आप सरदार पटेल का जिक्र करते हो लेकिन उनके मूल्यों को रोज कुचलते हो। आप भगवान बुद्ध की बात करते हो, लेकिन उनके मूल्यों को नहीं मानते।










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