DN Exclusive: यूपीएससी के मेरिट नियमों में बदलाव के पीछे मोदी सरकार की क्या है मंशा?

मनोज टिबड़ेवाल आकाश

मोदी सरकार एक बार फिर चर्चा में है वजह है यूपीएससी परीक्षा के रिजल्ट नियमों से छेड़छाड़। आखिर क्या वजह है कि दशकों से चली आ रही इस प्रणाली को मोदी सरकार बदलने पर आमादा है। क्या सरकार की मंशा साफ है या फिर इसके पीछे कोई चाल? डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव पड़ताल..

यूपीएससी (फाइल फोटो)
यूपीएससी (फाइल फोटो)


नई दिल्ली: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की 70 साल पुरानी व्यवस्था में बदलाव के प्रयासों  को लेकर मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर है। दरअसल सरकार की मंशा है कि यूपीएससी में चयनित उम्मीदवारों को 3 महीने के फाउंडेशन कोर्स के बाद ही आईएएस या आईपीएस जैसी प्रतिष्ठित केंद्रीय सेवाओं का कैडर आवंटित किया जाये। सरकार की यह अनुशंसा यदि लागू होती है तो यूपीएससी टॉपर को आईएएस रैंक मिले यही जरूरी नहीं रह जायेगा। 3 माह के फाउंडेशन कोर्स के नंबर जोड़े जाने के बाद ही किसी को आईएएस या आईपीएस कैडर प्राप्त हो सकेगा।

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मोदी सरकार द्वारा यूपीएससी के सात दशक पुराने पैटर्न में बदलाव की कोशिशों पर विपक्षी दल निशाना साध रहे हैं। कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी का कहना है कि इस बदलाव के जरिये पीएम मोदी आरएसएस के लोगों के हाथों में देश की प्रशासनिक व्यवस्था की कमान सौंपना चाहते हैं।

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राहुल गांधी ने इस संबंध में एक ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने इस ट्वीट में छात्रों से जागृत होने की अपील कर उन्हें आगाह किया है कि अब तुम्हारा भविष्य जोखिम में है। अब आरएसएस तय करेगा कि आपके लिये सही क्या है। राहुल ने आगे लिखा है कि इस पत्र से यह खुलासा होता है कि पीएम दी की योजना केंद्रीय सेवाओं में आरएसएस के चहते लोगों को शामिल करना है।

 

पीएमओ का पत्र

 

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कांग्रेस और विपक्षी दलों के अलावा यूपीएससी की तैयारी में जुटे कुछ छात्रों ने भी इस प्रस्ताव को लेकर चिंता जतायी है। करोल बाग स्थित एक कोचिंग इंस्टीट्यूट से आईएएस की तैयारी कर कुछ छात्रों ने डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में कहा कि यूपीएससी का मौजूदा परीक्षा पैटर्न बेहतरीन है। इसके लिये हर छात्र कड़ी मेहनत करता है और आईएएस बनने का ख्वाब देखता है। नये प्रस्ताव के अमल में आने के बाद यूपीएससी या आईएएस टॉपर बनने का क्रेज खत्म हो जायेगा और फाउंडेशन कोर्स के लिये भी अतिरिक्त तैयारियां करनी पड़ेंगी। इससे यह प्रोसेस और भी लंबा हो जायेगा। इस प्रक्रिया के बाद जो आईएएस बनना चाहता है, उसे यदि उसका पंसदीदा कैडर नहीं मिलता है तो उसमें हताशा औऱ निऱाशा ही बढेगी। 

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मोदी सरकार चाहती है कि यूपीएससी पास करने के बाद लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (LBSNAA) में होने वाले फाउंडेशन कोर्स को भी आवेदकों की परफॉर्मेंस में जोड़ा जाए। फाउंडेशन कोर्स में परफॉर्मेंस के आधार पर मिले नंबरों और प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षामें मिले नंबरों को जोड़कर ही सर्विसेज और कैडर अलॉट किए जाएंगे।

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मसूरी स्थित LBSNAA में यूपीएससी पास करने के बाद चयनित छात्रों को वहां कई तरह के प्रशिक्षण देने के साथ ही पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, कानून, सामाजिक विज्ञान, पॉलिटिकल साइंस आदि पाठ्यक्रमों और कई तरह की गतिविधियां कराई जाती है। इन सारी एक्टिविटी के लिये कुल मिलाकर 400 मार्क्स रखे गये हैं। 










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