उमर, महबूबा ने नजरबंद किए जाने का दावा किया, राज्यपाल ने दावे को बेबुनियाद बताया

डीएन ब्यूरो

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को दावा किया कि उन्हें पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय सुनाने से पहले नजरबंद कर दिया गया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

दावे को बेबुनियाद बताया
दावे को बेबुनियाद बताया


श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को दावा किया कि उन्हें पूर्ववर्ती राज्य जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के निर्णय सुनाने से पहले नजरबंद कर दिया गया।

दूसरी ओर, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और पुलिस ने कहा कि किसी को भी नजरबंद या गिरफ्तार नहीं किया गया है।

‘पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी’ ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘उच्चतम न्यायालय का फैसला सुनाए जाने से पहले ही पुलिस ने पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती के आवास के दरवाजे सील कर दिए हैं और उन्हें अवैध तरीके से नजरबंद कर दिया है।’’

पार्टी ने दावा किया कि यहां शेर-ए-कश्मीर पार्क के पास पीडीपी कार्यालय को भी पुलिस ने ‘सील’ कर दिया।

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) की एक नेता ने कहा कि पुलिस ने पार्टी के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला के आवास के मुख्य द्वार पर सुबह ताला लगा दिया।

नेकां की राज्य इकाई की अतिरिक्त प्रवक्ता सारा हयात शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘उमर अब्दुल्ला को उनके घर में बंद कर दिया गया है। लोकतंत्र...?’’

उन्होंने सोशल मीडिया मंच पर अब्दुल्ला के आवास के बंद मुख्य द्वार की तस्वीरें भी साझा कीं।

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने पत्रकारों को फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के गुपकर स्थित आवास के पास एकत्र होने की अनुमति नहीं दी।

गुपकर रोड के प्रवेश स्थानों पर पुलिसकर्मियों का एक दल तैनात किया गया और पत्रकारों को नेकां नेताओं के आवास के आसपास जाने की अनुमति नहीं दी गई।

उमर अब्दुल्ला अक्टूबर 2020 में अपना आधिकारिक आवास खाली करने के बाद से अपने पिता के साथ रहते हैं। श्रीनगर से सांसद फारूक अब्दुल्ला मौजूदा संसद सत्र के लिए दिल्ली में हैं और उनका बेटा कश्मीर घाटी में है।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल सिन्हा ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त किए जाने को लेकर उच्चतम न्यायालय के फैसले से पहले किसी को नजरबंद या गिरफ्तार किए जाने की खबरें ‘पूरी तरह से बेबुनियाद’ हैं।

पुलिस ने भी कहा कि किसी को नजरबंद नहीं किया गया है।

श्रीनगर पुलिस ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘किसी भी व्यक्ति को नजरबंद नहीं किया गया है।’’

उमर अब्दुल्ला ने उपराज्यपाल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि या तो उपराज्पाल ‘‘बेईमान बन रहे’’ हैं या पुलिस उनसे स्वतंत्र होकर काम कर रही है।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘प्रिय उपराज्यपाल जी, ये जंजीरें जो मेरे मुख्य द्वार पर लगाई गई हैं, वे मैंने नहीं लगाई हैं तो आप अपने पुलिस बल द्वारा किए गए कृत्य से इनकार क्यों कर रहे हैं? यह संभव है कि आपको पता भी न हो कि आपकी पुलिस क्या कर रही है। कौन झूठ बोल रहा है? क्या आप बेईमान हैं या आपकी पुलिस आपसे स्वतंत्र होकर काम कर रही है?’’

उन्होंने अपने आवास के बंद मुख्य द्वार की तस्वीरें भी साझा कीं।

पीडीपी अध्यक्ष की बेटी और उनकी मीडिया सलाहकार इल्तिजा मुफ्ती ने भी पुलिस के इस दावे को झूठ बताया कि किसी को नजरबंद नहीं किया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘तालों की गिनती कीजिए। आप मीडिया को आकर यह देखने की अनुमति क्यों नहीं देते कि हम नजरबंद हैं या नहीं? श्रीनगर पुलिस या पिनोचियो (एक काल्पनिक कथा का चरित्र, जिसकी नाक झूठ बोलने पर लंबी हो जाती है)?।’’










संबंधित समाचार