अब जल्द फरीदाबाद से जुड़ेगा ग्रेटर नोएडा, इस पुल के बनने का रास्ता साफ, पढ़िए खास खबर

अब बहुत जल्द फरीदाबाद से ग्रेटर नोएडा जुड़ेगा। इसके लिए रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, फरीदाबाद और ग्रेटर नोएडा को जोड़ने के लिए पुल बनेगा। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की खास रिपोर्ट

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 12 April 2025, 1:02 PM IST
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ग्रेटर नोएडा: गौतमबुद्ध नगर और हरियाणा के फरीदाबाद को जोड़ने वाले मंझावली पुल तक सीधी सड़क के निर्माण का रास्ता अब लगभग साफ हो गया है। 
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, वर्षों से अटके इस प्रोजेक्ट को गति मिलने की उम्मीद है, क्योंकि अब किसानों ने भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मंगलवार को जगनपुर गांव के कुछ किसानों ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के नाम जमीन की रजिस्ट्री कर दी, जिससे सड़क निर्माण की राह में आ रही सबसे बड़ी बाधा लगभग दूर हो गई है।

40 किसानों की जमीन होगी रजिस्टर्ड

सड़क निर्माण के लिए जगनपुर, मुरसदपुर, अफजलपुर और अट्टा गुजरान गांवों की लगभग 6.5 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। इसके लिए कुल 40 किसानों से जमीन ली जानी है। प्रशासन ने प्रति वर्ग मीटर 3,720 रुपये की दर से मुआवजा तय किया है। जिसके अंतर्गत किसानों को कुल 25.69 करोड़ रुपये वितरित किए जाएंगे। मंगलवार को जगनपुर के पूर्व प्रधान श्रीनिवास आर्य के साथ जयवती देवी, रोहतास नागर, जितेंद्र नागर समेत कुछ किसानों ने अपनी जमीन की रजिस्ट्री विभाग के नाम कर दी।

जुड़ने वाली सड़क का इंतजार

गौरतलब है कि यमुना नदी पर मंझावली गांव के समीप पुल का निर्माण पहले ही पूरा हो चुका है। यह पुल करीब 630 मीटर लंबा और चार लेन वाला है। पुल हरियाणा की ओर से पूरी तरह तैयार है और उसके हिस्से की सड़क भी बन चुकी है। लेकिन गौतमबुद्ध नगर की ओर लगभग एक किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण कार्य किसान भूमि विवाद के चलते अब तक रुका हुआ था।

एक दशक से लटका था प्रोजेक्ट

मंझावली पुल की आधारशिला वर्ष 2014 में रखी गई थी। लेकिन भूमि अधिग्रहण और मुआवजे को लेकर किसानों के साथ लंबे समय तक विवाद चला। लगभग एक दशक तक यह प्रोजेक्ट अधर में लटका रहा। अब जब किसानों ने सहमति जताई है और जमीन की रजिस्ट्री शुरू हो गई है, तब जाकर निर्माण कार्य शुरू होने की उम्मीद बंधी है।

कच्चे मार्ग से हो रही है आवाजाही

फिलहाल फरीदाबाद तक पहुंचने के लिए मंझावली पुल तक ग्रेटर नोएडा सीमा में बने कच्चे मार्ग से ही आवाजाही हो रही है। यह मार्ग अस्थायी है और बरसात के मौसम में वाहनों के फिसलने का खतरा बना रहता है। भारी और हल्के दोनों प्रकार के वाहन इस मार्ग से गुजरते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका रहती है।