देश में यहां मिला नयी प्रजाति का मेंढक, जानिये इसकी खास बातें

डीएन ब्यूरो

भारतीय प्राणि विज्ञान सर्वेक्षण (जेडएसआई) के अनुसंधानकर्ताओं ने मेघालय के दक्षिण गारो हिल्स जिले में एक गुफा के अंदर मेंढक की एक नयी प्रजाति की खोज की है। अनुसंधानकर्ताओं की यह खोज एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित हुई है। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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शिलांग: भारतीय प्राणि विज्ञान सर्वेक्षण (जेडएसआई) के अनुसंधानकर्ताओं ने मेघालय के दक्षिण गारो हिल्स जिले में एक गुफा के अंदर मेंढक की एक नयी प्रजाति की खोज की है। अनुसंधानकर्ताओं की यह खोज एक अंतरराष्ट्रीय पत्रिका में प्रकाशित हुई है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यह दूसरी बार है जब देश में किसी गुफा के अंदर से मेंढक की किसी नयी प्रजाति की खोज की गई है। इससे पहले 2014 में तमिलनाडु में मेंढक की प्रजाति ‘माइक्रीक्सलस स्पेलुंका’ की खोज की गई थी।

अनुसंधानकर्ताओं में से एक भास्कर सैकिया ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया, ‘‘यहां जेडएसआई के कार्यालय और पुणे स्थित जेडएसआई के अनुसंधानकर्ताओं ने दक्षिण गारो हिल्स जिले में सीजू गुफा के काफी भीतर से मेंढक की इस नयी प्रजाति को खोजा है।’’

सीजू गुफा प्राकृतिक चूने पत्थर की गुफा है और मेंढक को कोविड-19 महामारी को लेकर लॉकडाउन लगने से महज कुछ महीने पहले जनवरी 2020 में गुफा में 60-100 मीटर अंदर खोजा गया था।

अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान पत्रिका ईरान स्थित लॉरेस्टैन यूनिवर्सिटी के ‘जर्नल ऑफ एनिमल डाइवर्सिटी’ के हालिया प्रकाशित अंक में मेंढक की इस नयी प्रजाति के बारे में विस्तार से बताया गया है। सीजू गुफा में मिलने के कारण टीम ने इस प्रजाति का नाम ‘अमोलोप्स सीजू’ रखा है।

जेडएसआई अधिकारियों के अनुसार अमोलोप्स मेंढक की संरचना, वह किस परिवार से है और अन्य प्रजातियों से वह कैसे अलग है, इस बारे में पता लगाने के लिए उसके उत्तकों के नमूनों का आणविक अध्ययन किया जा रहा है।

सैकिया ने कहा, ‘‘संरचना, आणविक और स्थान संबंधी आंकड़ों के आधार पर टीम इस निष्कर्ष पर पहुंची कि सीजू गुफा में मिले इस मेंढकी की आबादी के बारे में जानकारी विज्ञान के लिए नयी है।’’

उन्होंने कहा, हालांकि टीम को मेंढक के ‘ट्रोग्लोबिटिक’ (गुफा के ही माहौल में रहने वाले जीव) का कोई संकेत नहीं मिला इसलिए उन्होंने सुझाव दिया कि मेंढक संभवत: इस गुफा में निवास करने वाला स्थायी जीव नहीं है।

जेडएसआई के अधिकारियों के अनुसार 1922 से ही गुफा के अंदर (गुफा के प्रवेश द्वार से 400 मीटर भीतर) मेंढकों की प्रजातियों के होने की रिपोर्ट थी, जब वहां जेडएसआई ने पहली बार अन्वेषण किया था।

सीजू गुफा ज्यादातर अकशेरूकीय जीवों जैसे कि झींगुर, मकड़ियों, कीटों, केंचुओं का घर है।

अनुसंधानकर्ताओं की टीम में सैकिया और यहां के जेडएसआई कार्यालय से डॉ बिक्रमजीत सिन्हा के अलावा जेडएसआई, पुणे से डॉ के. पी. दिनेश एवं शबनम अंसारी शामिल थे।

टीम ने अरुणाचल प्रदेश में मेंढक (अमोलोप्स) की अन्य तीन नयी प्रजातियों की भी खोज की है। इनमें अमोलोप्स चाणक्य, अमोलोप्स टेराओर्चीज और अमोलोप्स तवांग शामिल है।










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