Mali Samaj Protest Day 5: नेशनल हाईवे पर अपनी मांग को लेकर अड़ा माली समाज, जानें पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पृथक 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर माली समुदाय के लोगों ने राजस्थान सरकार के लिखित आश्वासन के बावजूद जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को मंगलवार को लगातार पांचवें दिन अवरुद्ध रखा। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

नेशनल हाईवे पर माली समाज का प्रदर्शन
नेशनल हाईवे पर माली समाज का प्रदर्शन


जयपुर: सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पृथक 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर माली समुदाय के लोगों ने राजस्थान सरकार के लिखित आश्वासन के बावजूद जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को मंगलवार को लगातार पांचवें दिन अवरुद्ध रखा।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से आज माली समाज के नेता मुरारी लाल सैनी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात करके सकारात्मक बातचीत की। हालांकि देर शाम तक समुदाय के नेता राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम करने वाले प्रदर्शनकारियों को सरकार से हुई सकारात्मक बातचीत के बारे में समझाते रहे।

समुदाय नौकरियों और उच्च शिक्षा में अधिक आरक्षण की मांग कर रहा है। मांग को लेकर माली समुदाय के एक व्यक्ति ने धरना स्थल के पास एक पेड़ से फांसी लगा ली। मृतक के परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया और मुआवजे व सरकारी नौकरी की मांग की।

पुलिस के अनुसार इस व्‍यक्ति का शव 12 प्रतिशत पृथक आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे माली समाज के धरना स्‍थल के करीब एक पेड़ से लटका मिला।

फुले आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा 'हमारे पास मुख्यमंत्री हैं। बातचीत सकारात्मक रही। सरकार ने समुदाय के विभिन्न मापदंडों पर सर्वेक्षण करने के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) आयोग को एक पत्र लिखा है। हमें 1 मई को समुदाय की स्थिति के बारे में तथ्य प्रस्तुत करने हैं। बाद में सर्वेक्षण के अनुसार आरक्षण की मांग आगे बढ़ेगी।’’

हालांकि, उन्होंने कहा कि धरना समाप्त करने का फैसला धरना स्थल पर समुदाय के लोग ही लेंगे। देर रात तक कोई निर्णायक फैसला नहीं निकला।

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प्रदर्शनकारियों ने आज सुबह आत्महत्या करने वाले मोहन सिंह के शव को भी स्वीकार नहीं करने दिया और मुआवजे और नौकरी की मांग रखी।

नदबई के पुलिस उपाधीक्षक नीतिराज सिंह ने कहा, 'परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों ने शव लेने से इनकार कर दिया। उन्होंने मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की है।'

मृतक आंदोलनकारी माली समुदाय से था। उन्होंने कहा कि शव को पास के अस्पताल की ‘मोर्चरी’ में स्थानांतरित कर दिया गया है।

माली समाज के लोग सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पृथक 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और उन्‍होंने जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को मंगलवार को लगातार पांचवें दिन अवरुद्ध रखा।

ओबीसी श्रेणी में आने वाले माली समुदाय के सदस्य अलग से 12 प्रतिशत आरक्षण, एक अलग लव कुश कल्याण बोर्ड के गठन और समुदाय के बच्चों के लिए छात्रावास की सुविधा की मांग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री गहलोत भी माली समुदाय से आते हैं।

तंबुओं में डेरा डाले प्रदर्शनकारियों ने अरौदा गांव के पास एनएच-21 के करीब एक किलोमीटर तक सड़क पर पत्थर रखकर जाम कर दिया है।

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अधिकारियों ने कहा कि जयपुर और आगरा के बीच आने-जाने वालों के लिए वाहनों को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ा दिया गया है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, शुक्रवार को, प्रदर्शनकारियों ने भरतपुर में जयपुर-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को अवरुद्ध कर दिया था और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले दागकर जवाबी कार्रवाई करने वाले पुलिस कर्मियों पर पथराव किया था।

इसके बाद पुलिस ने बल्लभगढ़, हलैना, वैर, अरौदा और रामसपुर गांवों में राष्ट्रीय राजमार्ग पर बैरिकेड लगा दिए थे।

समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले को सम्मानित करते हुए राज्य सरकार ने हाल ही में महात्मा ज्योतिबा फुले कल्याण बोर्ड का गठन किया था और 11 अप्रैल को उनकी जयंती के उपलक्ष्य में राज्य अवकाश घोषित किया था। महात्मा ज्योतिबा फुले माली समुदाय के थे।

माली समुदाय ने पिछले साल जून में इसी तरह का विरोध प्रदर्शन किया था, जो अधिकारियों द्वारा उनकी शिकायतों को सुने जाने के आश्वासन के बाद समाप्त हो गया था।










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