महाराजगंज: पानी और सिंचाई के संसाधनों की कमी से परेशान किसानों ने अपनाई बोरो धान की खेती, लेकिन अब फंसे इस नये संकट में

डीएन ब्यूरो

महराजगंज जनपद में धानी क्षेत्र के किसानों ने वैकल्पिक खेती के रूप कुछ साल पहले बोरो धान की खेती शुरू की थी लेकिन ये किसान अब नये संकट में फंस गये हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट



महराजगंज: पानी और सिंचाई के संसाधनों की कमी से परेशान धानी क्षेत्र के किसानों ने अपना घर परिवार चलाने के लिये खेती का नया विकल्प तलाश किया।  बोरो धान को सेहत के लिये अच्छा माना जाता है और बाजार में यह ऊंची कीमतों पर भी बिकता है। इसलिये इन किसानों ने बोरो धान की खेती शुरू की लेकिन दो सालों से पैदावार अच्छी न होने के कारण ये किसान अब नई परेशानी में फंस गये हैं। धानी क्षेत्र में बोरो धान की खेती लगभग समाप्त हो चुकी थी लेकिन यहां के किसानों ने एक अव्वल उदाहरण पेश करते हुए बोरो धान की खेती अपनाने का निर्णय लिया।  

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में यहां के किसानों ने बताया कि उन्होंने वैकल्पिक खेती के रूप कुछ साल पहले बोरो धान की खेती शुरू की थी। धानी क्षेत्र के किसान ग्राम सभा के किनारे स्थित घोगी नाला के आसपास बोरो धान की खेती करते हैं। लेकिन दो सालों से पैदावार कम होने के कारण ये किसान नये संकट में फंस गये हैं। 

डाइनामाइट न्यूज़ से बातचीत में किसान भागीरथी ने बताया कि बहुत ही मुश्किल से वे बोरो धान की खेती करते हैं। बोरो धान की खेती नाले में करते हैं। बोर धान की पैदावार यदि अच्छी हो जाए तो बहुत ही फायदा होता है। लेकिन गत 2 वर्षों में पैदावार अच्छी नहीं हो पा रही है, जिससे सभी किसान बेहद परेशान है। किसानों को भारी नुकसान हो रहा है।

किसान भागीरथी ने बताया कि बोरो धान खेती की जाए बहुत ही कमाई की जा सकती है। यह धान शुगर मरीजों के लिए बहुत ही उपयोगी होती है। यहां के किसानों का कहना है कि बोरो धान की खेती जो जीवित रखने के लिये सरकार द्वारा किसानों की मदद की जानी चाहिये और कुछ प्रोत्साहन दिया जाना चाहिये।










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