महराजगंज: गरमाया सोनौली का सियरहिया कांड, क्यों गये एसडीएम और सीओ आधी रात को मां काली की मूर्ति उजाड़ने
मंगलवार की आधी रात नौतनवा के एसडीएम और सीओ की मौजूदगी में सोनौली के सियरहिया गांव में जो तांडव हुआ उसकी तपिश पांच दिन बाद तक महसूस हो रही है। मामले में जिस तरह प्रशासनिक अत्याचार सामने आया है उसके बाद से राजनीति गर्म हो गयी है। स्थानीय विधायक से लेकर सपा और हिन्दू युवा वाहिनी के नेताओं तक के बयान सामने आये हैं। सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर आधी रात को क्यों अतिक्रमण के नाम पर प्रशासनिक अमले ने क्यों मां काली की मूर्ति उजाड़ी? और जब ग्रामीणों ने विरोध किया तो इसे पथराव का नाम दे जमकर लाठियां तोड़ी गयीं और गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर अब ग्रामीणों की गिरफ्तारी जारी है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव..
सोनौली (महराजगंज): सोनौली नगर पंचायत के वार्ड नंबर 3, शास्त्री नगर के सियरहिया गांव में मंगलवार की आधी रात को उपजिलाधिकारी जसधीर सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी राजू कुमार साव, कोतवाली प्रभारी रवींद्र सिंह भारी फोर्स लेकर पहुंचे थे। आरोप था कि सरकारी जमीन पर कुछ लोगों ने मां काली की मूर्ति रख कर अवैध कब्जा कर रखा है।
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इसी को हटाने आधी रात को ये अफसर पहुंचे। इन लोगों ने मां काली की मूर्ति को जेसीबी मशीन से निकालकर ट्रैक्टर-ट्राली पर लादा और वापस लौटने लगे। जैसे ही मूर्ति हटाए जाने की भनक ग्रामीणों को लगी उन्होंने अपना विरोध शुरु कर दिया। कुछ गांव वालों ने पत्थर भी फेंके। कहा जा रहा है इससे उपजिलाधिकारी की गाड़ी का पीछे का शीशा टूट गया। इसके बाद पुलिस ने जमकर लाठियां तोड़ीं।
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एसडीएम का बयान
एसडीएम का कहना है कि ग्राम सभा की भूमि पर अवैध कब्जा हटाने गई टीम पर कुछ उपद्रवियों ने पत्थरबाजी की है। इस मामले में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। मनबढ़ों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक सोनौली नगर पंचायत प्रशासन ने एसडीएम को शिकायती पत्र देकर अवगत कराया था गांव में कुछ लोग सरकारी जमीन पर कब्जा किये हुए हैं। कुछ लोग इस मामले को नगर पंचायत की चुनावी रंजिश से जोड़कर भी देख रहे हैं। अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए विवाद के बाद एकतरफा प्रशासन ने गांव वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। स्थानीय पुलिस ने इस मामले में दो दर्जन नामजद समेत 100 अज्ञात के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है। लगातार गिरफ्तारी और छापेमारी के चलते गांव में दहशत का माहौल है। गांव वालों ने सारे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है और कहा है कि इस मामले में राजनीतिक बदले की भावना से पुलिस मनमाने तरीके से काम कर रही है।
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क्या कहना है विधायक का
गांव में प्रशासन का भारी विरोध है इसे भांप कल स्थानीय विधायक अमनमणि त्रिपाठी गांव में पहुंचे और गरीब जनता के सामने पुलिस वालों को फटकार लगायी और कहा कि निर्दोषों की गिरफ्तारी हुई तो फिर ठीक नही होगा। उन्होंने खुलेआम आरोप लगाया कि गांव में प्रशासन और पुलिस का आतंक है औऱ डरे गांव वाले पलायन कर रहे हैं। (देखें वीडियो)
कहां हैं सांसद पंकज चौधरी
गांव वालों की नाराजगी सांसद पंकज चौधरी को लेकर भी है। इनका कहना है हमारे वोट पर छठीं बार संसद पहुंचे पंकज को लगता है उनके दुख-दर्द से कोई मतलब नही है। विधायक से लेकर विपक्ष तक के नेता गांव पहुंच लेकिन पांच दिन बाद भी सांसद ने उनकी दुखती रग पर हाथ रखना मुनासिब नही समझा। इधर पता चला है कि सांसद शुक्रवार तक संसद सत्र में भाग लेने दिल्ली में थे।
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जिले के बड़े अफसरों ने साधी चुप्पी
ग्रामीणों का खुला आरोप है कि प्रशासनिक अत्याचार पर जिले के बड़े अफसरों ने पूरी तरह मौन धारण कर रखा है, आखिर क्यों? क्या नौतनवा के एडीएम औऱ सीओ ने एकतरफा कार्यवाही, गिरफ्तारी, छापेमारी बड़े अफसरों की शह पर की है। आखिर क्यों अब तक जिले के बड़े अफसर गांव पहुंच गरीबों की बात नही सुने? क्यों नही एसआईटी गठित कर पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराते ताकि एसडीएम औऱ सीओ की भूमिका क्या रही? ये सच जनता के सामने आ सके।
हिंदू युवा वाहिनी ने पूर्व विधायक पर मढ़ा दोष
इस मामले में हिंदू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष नरसिंह पांडेय का कहना कि इस घटना के पीछे सपा-बसपा के लोगों की साजिश है तथा ये सरकार को बदनाम करने की कोशिश है। इस प्रकरण में पूर्व विधायक मुन्ना सिंह के भूमिका की जांच होगी क्योंकि जब से उनके भाई कुंवर अखिलेश सिंह लोकसभा का चुनाव हारे हैं तब से लगातार साजिश के तहत क्षेत्र में जगह-जगह विवादों को अंजाम दिया जा रहा है। जबकि सोनौली नगर पंचायत अध्यक्ष के पति सुधीर त्रिपाठी ने और भी चौंकाने वाला बयान दिया। गांव का दौरा करने के बाद उन्होंने इसे एक बसपा नेता की कारस्तानी बता डाला।
पूर्व विधायक ने भी किया गांव का दौरा
इस विवाद के बाद पूर्व विधायक मुन्ना सिंह भी गुरुवार की शाम को गांव में पहुंचे और पीड़ितों से मुलाकात की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक यह मामला बेहद संवेदनशील था यह सबके संज्ञान में होने के बाद भी प्रशासन ने बेहद नादानी का परिचय दिया, यदि स्थानीय ग्रामीणों को विश्वास में लेकर दिन में ये कार्यवाही होती तो शायद इस तरह का अंजाम नही होता।