महराजगंज का कलंक: पुरैना ताल के नाम पर एसडीएम ने ली 5 लाख की रिश्वत

शिवेंद्र चतुर्वेदी

यादव सिंह और राजेश्वर सिंह से भी बड़े डकैत अफसर महराजगंज जिले को सरेआम लूट रहे हैं..जनता कराह रही है और ये भ्रष्ट अधिकारी डकार तक नही ले रहे हैं। खनन, पट्टे, जमीन, मुकदमे हर चीज में बोली..जिसका दाम अधिक..काम भी उसी का। भ्रष्टाचार की यह कभी न खत्म होने वाली कथा सीबीआई जांच के बाद ही रुकेगी अन्यथा गरीबों के हक पर डाका पड़ता रहेगा। डाइनामाइट न्यूज़ की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट..



महराजगंज: सदर एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद के खिलाफ घूसखोरी और भ्रष्टाचार के मामले एक के बाद एक सामने आ रहे है। इस भ्रष्ट एसडीएम पर अब पुरैना खंडी चौरा ताल के आवंटन में एक पीड़ित ने 5 लाख रूपये रिश्वत लेने का नया और सनसनीखेज आरोप लगाया है। भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबे नायब तहसीलदार से प्रमोटेड एसडीएम इतनी मोटी रकम लेने के बाद भी आवेदक को दगा दे गया और मत्स्य ताल किसी दूसरे को आवंटित कर गया। 

इसका साफ ऐलान जिसका दाम अधिक..काम पर नाम भी उसी का।

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बुधवार को SDM कार्यालय में सरे आम ज्ञानेश्वर प्रसाद के रिश्वत लेने के मामले को लेकर दो पक्षों में जमकर हुई मारपीट हुई और लात-घूसे चले थे। अभी इस मामले की चर्चा थमी भी नहीं थी कि आज इसी एसडीएम के खिलाफ रिश्तखोरी का एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया है।

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एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद पर 5 लाख रूपये रिश्वत लेने का बहुत बड़ा आरोप विकास खण्ड घुघुली में 10 वर्षों से पुरैना खंडी चौरा ताल का मछली पालन करने वाले ओम प्रकाश निषाद ने लगाया है।

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मत्स्य जीव सहकारी समिति के पूर्व अध्यक्ष ओम प्रकाश का कहना है कि 18 सितंबर 2017 को 90 एकड़ ताल का पट्टा खत्म हो गया था। इसके नवीनीकरण और दुबारा पट्टा हासिल करने के लिये उन्होंने एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद से संपर्क किया। SDM ने दुबारा पट्टा देने के ऐवज में ओम प्रकाश से 5 लाख की रिश्वत ली। यही नही दो-दो बार मछली मंगवाकर खायी लेकिन यह क्या रिश्वत और मछली दोनों खाने के बाद एसडीएम ने धोखा दे दिया और दूसरे पक्ष से और बड़ी मोटी रकम लेकर पट्टा उसके नाम आवंटित कर दिया।

दस करोड़ की कमाई वाला 90 एकड़ का पुरैना ताल

डाइनामाइट न्यूज़ को ओम प्रकाश ने बताया कि यह ताल लगभग 90 एकड़ में फैला हुआ है। दस साल के लिए इसका मछली पालन का पट्टा होता है और हर साल लगभग एक करोड़ रुपये की कमाई होती है। इस तरह 10 साल में इस पट्टे से दस करोड़ रुपये की कमाई होगी।

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ओम प्रकाश का कहना है कि उस दिन उनके पांवों के तले जमीन खिसक गयी, जब SDM ने ताल का पट्टा उनको न देकर तिरकोनिया बैकुंठी घाट के नाविक जल मजदूर मत्स्य जीव सहकारी समिति के जवाहर को दे दिया। ओम प्रकाश एसडीएम की इस दगाबाजी से खासे हैरान और परेशान है।

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ओम प्रकाश की पत्नी ने भी SDM द्वारा उनके पति से 5 लाख रूपये ऐंठने की बात कही है।

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SDM सदर के खिलाफ अब तक भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आ चुके है लेकिन इसके बावजूद भी प्रशासन ने मौन साध रखा है, जिससे इस बात के संकेत मिलते है कि एसडीएम के भ्रष्टाचार को किसी बड़े अधिकारी से भी पनाह मिली है। 

नही कर रहे रिश्वत की रकम वापस

चारो ओर से निराश, हैरान व परेशान ओम प्रकाश अपनी पत्नी के साथ डाइनामाइट न्यूज़ के ब्यूरो कार्यालय पहुंचा और आप बीती सुनाते हुए बोला कि अब एसडीएम साहब उसका 5 लाख रुपया भी वापस नही कर रहे हैं और कह रहे हैं कि कहीं शिकायत किये तो मुकदमा लादकर जेल भिजवा दूंगा।

एसडीएम ने कहा- मुझे नही है कोई जानकारी

जब इन आरोपों के बाबत एसडीएम सदर से डाइनामाइट न्यूज़ ने उनका पक्ष पूछा तो उन्होंने कहा मुझे इस बारे में कोई जानकारी नही है।










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