महराजगंज तहसील में मचे भ्रष्टाचार की कहानी..पीड़ितों की जुबानी

शिवेंद्र चतुर्वेदी

सदर तहसील के मनबढ़ व रिश्वतखोर एसडीएम व तहसीलदार का आतंक आम जनता के सिर चढ़कर बोल रहा है। गरीबों की कोई सुनने वाला नही। भूमाफिया, दबंग और धनपशु.. सदर एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद की छत्रछाया में जमकर फल-फूल रहे हैं। पढ़िये भ्रष्टाचार की पूरी खबर..



महराजगंज: गुरुवार को करीब 12.30 बजे सदर तहसील और एसडीएम कार्यालय का अज़ब नज़ारा दिखा। डाइनामाइट न्यूज़ के खोजी रिपोर्टर्स की टीम जब अपने कैमरों के साथ यहां दाखिल हुई तो गरीब, मजलूम, विधवा महिलायें दर-दर भटकने को मजबूर महिलाओं का दर्द बरबस ही छलक पड़ा।

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सीएम और डीएम मातहतों को लाख चेतावनी दें कि गरीब जनता का दर्द सुनो ताकि उन्हें गोरखपुर और लखनऊ का चक्कर न लगाना पड़े लेकिन इन सबका उप जिलाधिकारी सदर ज्ञानेश्वर प्रसाद और तहसीलदार केशव प्रसाद पर कोई असर नही पड़ने वाला। भले अधिवक्ता 20 दिन से हड़ताल करें इनकी सेहत पर कोई असर नही। वजह भी वाजिब है..सरकारी तख्वाह..गाड़ी-घोड़ा सब है तो.. इनकी जेब से क्या जा रहा है। 

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स्पष्ट आदेश के बावजूद विधवा महिला को न्याय नही

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पहला मामला
एसडीएम और तहसीलदार के घनघोर भ्रष्टाचार के खेल में गरीब पिसे जा रहे हैं। शहर के नगर पालिका के वीर बहादुर नगर मुहल्ले की विधवा महिला शकुंतला पत्नी स्वर्गीय राम प्रकाश शर्मा ने डाइनामाइट न्यूज़ के कैमरे पर रोते हुए बताया कि पैसा देने औऱ पैर पकड़ने के बाद भी दबंगो द्वारा मेरी जमीन पर कब्जा किया जा रहा है। जब मैं अधिकारियों के पास जा रही हूं तो मुझे भगा दिया जा रहा है। जब डाइनामाइट न्यूज़ ने इस विधवा पीड़िता के कागजों की छानबीन की तो पाया कि पिछले साल ही 19 अगस्त को नगर पालिका के ईओ ने जिला प्रशासन को पत्रांक संख्या 148 के क्रम में चिट्ठी लिखकर अवगत कराया गया कि स्थलीय निरीक्षण में इस महिला की जमीन पर दबंगों ने कब्जा किया है। जिसे एक सप्ताह में हटवा दिया जायेगा। अब एक सप्ताह कौन कहे.. 21 सप्ताह बीतने के बाद भी पीड़ित विधवा को इंसाफ नही मिल पाया।

दूसरा मामला
60 वर्षीय एक बुजुर्ग और 58 साल की पुरैना गांव की निहायत गरीब महिला रामफल डाइनामाइट न्यूज़ की टीम को एसडीएम दफ्तर के बाहर मिल गयी और अपनी पीड़ा सुनाते हुए कहे कि कड़ाके की ठंड में इतनी दूर से मेहनत की गाढ़ी कमाई खर्च करके वे यहां मुकदमे की पैरवी के लिए हर तारीख पर आते हैं लेकिन यही पता लगता है किसी न किसी बहाने एसडीएम साहब बैठते ही नही..अब आप ही बताइये हम जाये तो जाये कहां.. गरीबों की कोई सुनने वाला नही..न्याय की तो बात ही क्या।

तीसरा मामला
बसंतपुरा गांव से आये एक बुजुर्ग ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि वह हिस्सा प्रमाण पत्र की नकल लेने के लिए इतनी दूर से भीषण ठंड में आया है। माल बाबू नकल तक नही दे रहे हैं..पैसे की तो बात ही क्या.. 

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अब आप ही सोचिये..सदर तहसील में भ्रष्टाचार का क्या आलम व्याप्त है। हर टेबल और हर हाथ को रिश्वत चाहिये.. ऐसे में कैसे चलेगी व्यवस्था और कैसे मिलेगा गरीबों को न्याय?


आम जनता से अपील: यदि आप भी एसडीएमतहसीलदार के भ्रष्टाचार रिश्वतखोरी से पीड़ित हैं तो सबूतों के साथ हमें ई-मेल करें info@dynamitenews.com 
 










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