लखनऊ: घुमन्तू समाज का एसटी में शामिल किए जाने को लेकर प्रदर्शन, सीएम को सौंपा ज्ञापन

डीएन ब्यूरो

विकास की मुख्यधारा में शामिल किये जाने की मांग को लेकर गाड़िया लोहार समाज के लोगों ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। इसके साथ ही अपने समाज को अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में शामिल किए जाने को लेकर प्रदर्शन भी किया। डाइनामाइट न्‍यूज पर पढ़ें पूरी खबर..



लखनऊ: आजादी के सालों बाद भी यूपी में समाज का एक वर्ग ऐसा भी है जो अभी तक मुख्‍यधारा से नहीं जुड़ पाया है। आज आदिवासी घुमंतू आदिवासियों के 'गाड़िया लोहार समाज' के लोगों ने बड़ी संख्या में एकत्र होकर राजधानी लखनऊ स्थित मुख्यमंत्री के जनता दरबार पहुंचे। जहां उन्होंने मुख्‍यमंत्री को संबोधि‍त ज्ञापन अधिकारियों को सौंपा। साथ ही अनुसूचित जनजाति में शामिल किए जाने को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया।

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प्रदर्शन कर रहे आदिवासी घुमंतू समाज के दीपू कुमार ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के रहने वाले हैं। उन्‍होंने बताया कि इस समाज में आज भी सामाजिक, आर्थिक,  शैक्षणिक पिछड़ापन होने की वजह से यह मुख्‍यधारा से कोसों दूर है। उन्होंने मांग उठाई की उन्हें अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए। जिससे उनके समाज का पिछड़ापन दूर हो सके।

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उन्‍होंने कहा आदिवासी घुमंतू समाज के अंतर्गत आने वाले 'गाड़िया लोहार समाज' के लोगों को राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है। जिससे इन राज्यों में विकास की मुख्यधारा में शामिल हो हैं। ऐसे ही व्यवस्था उत्तर प्रदेश में भी होनी चाहिए। 

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हम लोग किसी एक स्थान पर लंबे समय तक निवास नहीं कर पाते हैं। इस वजह से उनके बच्चों को शिक्षा प्राप्त करने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। साथ ही समाज के शरारती तत्वों और दबंगों द्वारा शोषण भी किया जाता है।

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ऐसे में सरकार को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देते हुए समाज के लोगों को आवासीय और खेती करने के लिए भूमि उपलब्ध कराना चाहिए। सरकार यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं देती है तो आने वाले समय में समाज के लोग बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।










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