जानिये उत्तर प्रदेश के किस अस्पताल को चुना गया, एससी बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के लिए

डीएन ब्यूरो

उत्तर प्रदेश के अस्पताल को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए साल 2024 के सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के लिए चुना गया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

एससी बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार
एससी बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार


नयी दिल्ली: उत्तर प्रदेश के 60 पैराशूट फील्ड अस्पताल को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए साल 2024 के सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के लिए चुना गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

इस पुरस्कार के तहत संस्था के मामले में 51 लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र तथा किसी व्यक्ति के मामले में 5 लाख रुपये नकद और एक प्रमाण पत्र पुरस्कार के रूप में दिया जाता है।

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एक आधिकारिक बयान में बताया गया है कि 60 पैराशूट फील्ड अस्पताल को आपदा प्रबंधन में उत्कृष्ट कार्य के लिए संस्थागत श्रेणी में पुरस्कार के लिए चुना गया है।

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डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने आपदा के क्षेत्र में भारत में व्यक्तियों और संगठनों द्वारा दिए गए अमूल्य योगदान और निस्वार्थ सेवा को पहचानने और सम्मानित करने के लिए सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार के नाम से एक वार्षिक पुरस्कार स्‍थापित किया है।

इस पुरस्कार की घोषणा हर साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर की जाती है।

इस 60 पैराशूट फील्ड अस्पताल की स्थापना 1942 में की गई थी। यह भारतीय सशस्त्र बलों का एकमात्र हवाई चिकित्सा प्रतिष्ठान है जिसने विभिन्न वैश्विक संकटों में अपनी असाधारण सेवा दी है।

अस्पताल के प्राथमिक अभियान में शांति और युद्ध दोनों समय में राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राकृतिक आपदाओं के दौरान मानवीय एवं आपदा सहायता प्रदान करना शामिल है।

इसने उत्तराखंड बाढ़ (2013), ऑपरेशन 'मैत्री' (2015) के तहत नेपाल भूकंप और ऑपरेशन समुद्र मैत्री (2018) के हिस्से के रूप में इंडोनेशियाई सुनामी के दौरान चिकित्सा सहायता प्रदान की थी।

पिछले साल फरवरी में तुर्किए और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप के जवाब में अस्पताल ने तेजी से 99 सदस्यीय टीम को इकट्ठा किया और हटे प्रांत के स्कूल भवन में 30 बिस्तरों वाला अस्पताल स्थापित करने के लिए संसाधन की कमी और भाषा की बाधा को पार करते हुए तुर्की में भारत की अग्रणी स्तर की चिकित्सा सुविधा की स्थापना की।

आपदा के समय घायलों के इलाज की वरीयता का निर्धारण (ट्राइएज), सर्जरी, दंत उपचार, एक्स रे और प्रयोगशाला सुविधाओं सहित चिकित्सा सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान की और ‘ऑपरेशन दोस्त’ के अंतर्गत 12 दिनों की अवधि के दौरान 3600 रोगियों की देखभाल की।










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