केरल: राज्यपाल ने प्रदर्शन मामले में मुख्यमंत्री विजयन के खिलाफ कड़ा रुख

डीएन ब्यूरो

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के प्रदर्शन को लेकर मंगलवार को पिनराई विजयन के खिलाफ अपना आरोप दोहराया कि यह मुख्यमंत्री द्वारा रची गई ‘‘साजिश’’ थी क्योंकि प्रदर्शनकारी उनके ‘‘निर्देशों’’ के अनुसार कार्य कर रहे थे। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री विजयन के खिलाफ कड़ा रुख
मुख्यमंत्री विजयन के खिलाफ कड़ा रुख


नयी दिल्ली: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के प्रदर्शन को लेकर मंगलवार को पिनराई विजयन के खिलाफ अपना आरोप दोहराया कि यह मुख्यमंत्री द्वारा रची गई ‘‘साजिश’’ थी क्योंकि प्रदर्शनकारी उनके ‘‘निर्देशों’’ के अनुसार कार्य कर रहे थे।

राज्यपाल ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि राज्य सरकार का नेतृत्व वामपंथी कर रहे हैं, केरल अधिनायकवादी या तानाशाही राज्य नहीं बन सकता और वहां 'कानून लागू होगा।’’ खान नयी दिल्ली में पत्रकारों से बात कर रहे थे। एक दिन पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पर उन्हें शारीरिक रूप से चोट पहुंचाने की ‘साजिश’ रचने का आरोप लगाया था।

खान ने कहा कि अगर कोई राज्यपाल को हटाने की कोशिश करता है, तो यह एक संज्ञेय अपराध है और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 124 के तहत इससे निपटा जाना चाहिए।

राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने पहले ही मुख्य सचिव और राज्य के पुलिस महानिदेशक को संदेश भेजकर स्पष्ट कर दिया है कि केवल हिरासत-गिरफ्तारी पर्याप्त नहीं है। खान ने आरोप लगाया, ‘‘यह साजिश मुख्यमंत्री ने रची है। उनके निर्देश पर ही ये लोग काम कर रहे हैं।’’

राज्यपाल ने कहा, ‘‘गृह मंत्री कौन हैं? मुख्यमंत्री...सब कुछ उनके निर्देश के अनुसार किया जा रहा है। उन्होंने ही यह साजिश रची और ये चीजें होने से तीन दिन पहले उन्होंने एक सार्वजनिक बयान दिया था...।’’

उन्होंने कहा कि यह केरल में संवैधानिक तंत्र के पतन की शुरुआत है। सोमवार को अपने खिलाफ हुए प्रदर्शन को याद करते हुए खान ने कहा कि अगर यह महंगी कार नहीं होती, तो खिड़कियां टूट जातीं।

खान ने उस समय अपने वाहन से बाहर निकलने को भी उचित ठहराया जब एसएफआई कार्यकर्ताओं द्वारा काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था। राज्यपाल ने पूछा, ‘‘...क्या मुझे अंदर रहना चाहिए था और तब तक इंतजार करना चाहिए था जब तक वे मेरी कार की खिड़की तोड़ न देते और मुझे घायल न कर देते?’’

राज्यपाल ने यह भी जानना चाहा कि जिस बस में मुख्यमंत्री और अन्य मंत्री ‘नव केरलम’ कार्यक्रम के तहत यात्रा कर रहे थे, उस पर चप्पल फेंकने के लिए केरल स्टूडेंट यूनियन (केएसयू) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कौन सी धाराएं लगाई गईं।

इस बीच, एसएफआई नेतृत्व ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि वे राज्यपाल और राज्य में विश्वविद्यालयों के भगवाकरण के उनके कथित कदमों के खिलाफ अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।

एसएफआई के प्रदेश सचिव पी एम अर्शो ने राज्यपाल पर राज्य विश्वविद्यालयों के भगवाकरण के लिए विभिन्न कदम उठाने का आरोप लगाते हुए कहा कि केरल और कालीकट विश्वविद्यालयों के सीनेट में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पृष्ठभूमि वाले लोगों को नामांकित करना इसका उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि वे कुलाधिपति द्वारा विश्वविद्यालयों के भगवाकरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। अर्शो ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘देश भर में हम आरएसएस और संघ परिवार को अपना एजेंडा लागू करते और विश्वविद्यालयों पर कब्जा करते हुए देख रहे हैं। हम विश्वविद्यालयों को संघ परिवार के कार्यकर्ताओं से भरने के खिलाफ अपना विरोध जारी रखेंगे।’’

मंत्री पी राजीव, ए के ससीन्द्रन और वी ए मोहम्मद रियास राज्यपाल पर निशाना साधते हुए एसएफआई के समर्थन में सामने आये।

इस बीच, भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री वी मुरलीधरन ने राज्यपाल के आरोपों को लेकर राज्य में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति को दर्शाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि केरल के मुख्यमंत्री और कम्युनिस्ट पार्टी सचिव पिछले कुछ हफ्तों से राज्यपाल को धमकियां दे रहे हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया, ‘‘राज्यपाल राज्य सरकार के भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने के अलावा कानून और संवैधानिक मूल्यों को कायम रख रहे हैं। उच्चतम न्यायालय ने भी राज्यपाल के दृष्टिकोण को बरकरार रखा है, जिसके बाद वाम दल सड़कों पर इस मुद्दे को उठा रहे हैं।’’

खान के वाहन को माकपा की छात्र शाखा एसएफआई के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर उस समय टक्कर मार दी, जब वह सोमवार शाम दिल्ली रवाना होने के लिए तिरुवनंतपुरम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे जा रहे थे। मामले में एसएफआई के 18 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है।










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