जदयू ने समान नागरिक संहिता पर सभी पक्षों से वार्ता कर सहमति बनाने को कहा

डीएन ब्यूरो

जनता दल (यूनाइटेड) ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर सहमति कायम करने के प्रयास की आवश्यकता पर बल देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सभी पक्षों (सभी धर्मों एवं समुदायों के सदस्यों) को विश्वास में लिया जाना चाहिए। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
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नयी दिल्ली: जनता दल (यूनाइटेड) ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर सहमति कायम करने के प्रयास की आवश्यकता पर बल देते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि सभी पक्षों (सभी धर्मों एवं समुदायों के सदस्यों) को विश्वास में लिया जाना चाहिए।

पार्टी प्रवक्ता के सी त्यागी ने बिहार के मुख्यमंत्री एवं जदयू नेता नीतीश कुमार द्वारा 2017 में विधि आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष बी एस चौहान को भेजे गये पत्र का हवाला दिया जिसमें कुमार ने कहा था कि यूसीसी को जन कल्याण हेतु सुधार के उपाय के रूप में देखा जाना चाहिए, न कि राजनीतिक उपाय के रूप में जिसे विचार विमर्श किए बिना एवं लोगों की इच्छा के बिना उन पर थोप दिया जाए।

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उन्होंने कहा था, ‘‘ सघन परामर्श एवं विभिन्न धार्मिक समूहों खासकर अल्पसंख्यकों की सहमति के बगैर यूसीसी लाने की किसी भी कोशिश से सामाजिक तनाव पैदा हो सकता है तथा संविधान में दी गयी धर्म पालन करने की स्वतंत्रता की गारंटी पर से विश्वास कमजोर हो सकता है।’’

त्यागी ने कुमार का हवाला देते हुए कहा कि यूसीसी लाने से मुसलमानों, ईसाइयों, पारसियों और हिंदुओं (बौद्धों, सिखों और जैनियों समेत) के संदर्भ में ऐसे मामलों में लागू सभी वर्तमान कानून निरस्त हो जायेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे में सभी पक्षों से सघन परामर्श के बिना सहमति मुश्किल से हासिल की जा सकती है।

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विधि आयोग ने बुधवार को यूसीसी पर नयी परामर्श प्रक्रिया शुरू की तथा राजनीतिक रूप से इस संवेदनशील मुद्दे पर लोगों एवं मान्यताप्राप्त धार्मिक संगठनों समेत सभी पक्षों से उनकी राय मांगी है।










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