महंगाई भत्ते में कटौती की बजाय अपने खर्च कम करे सरकार: कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा है कि सरकार काेरोना के कारण लॉक डाउन से पीड़ित लोगों की आर्थिक मदद करने के बजाय एक जनवरी से कर्मचारियों का महंगाई भत्ता डकार रही है जिससे लाखों कर्मचारियों को नुकसान होगा और आने वाले समय में उद्योगपतियों को भी इसी तरह के कदम उठाकर अपने कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ पर कैंची चलाने में आसानी होगी।

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 24 April 2020, 4:40 PM IST
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नयी दिल्ली: कांग्रेस ने कहा है कि सरकार काेरोना के कारण लॉक डाउन से पीड़ित लोगों की आर्थिक मदद करने के बजाय एक जनवरी से कर्मचारियों का महंगाई भत्ता डकार रही है जिससे लाखों कर्मचारियों को नुकसान होगा और आने वाले समय में उद्योगपतियों को भी इसी तरह के कदम उठाकर अपने कर्मचारियों को मिलने वाले लाभ पर कैंची चलाने में आसानी होगी।

कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शुक्रवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने मध्यम वर्ग के लोगों को महंगाई भत्ते के रूप में मिलने वाले लाभ को काट कर सैनिकों, सैन्य पेंशनरों, सरकारी कर्मचारियों तथा सरकारी सेवा के पेंशनरों काे आर्थिक नुसान पहुंचाया है।

उन्होंने इसे सरकार का आम आदमी विरोधी रवैया बताया और कहा कि कोरोना जैसी महामारी से परेशान आम लोगों को राहत देने के लिए आर्थिक सहायता देने पर विचार करने की बजाय उसने लाखों लोगों की जेब से हर साल 38 हजार करोड रुपए काटने की योजना बनायी है। संकट के इस दौर में सरकार को अनावश्यक परियोजनाएं रोक कर और अपने गैर जरूरी खर्चो पर लगाम लगा कर लोगों की मदद करनी चाहिए।

प्रवक्ता ने कहा कि इस समय देश के आम आदमी और मध्यम वर्ग को मदद देने की जरूरत है और उनका पैसा नहीं काटा जाना चाहिए। सरकार ने महंगाई भत्ता काटकर निजी उद्योगों को यह मौका दे दिया है कि वे अपने कर्मचारियों के साथ सरकार के इस कदम का उदाहरण देकर इसी तरह का अन्याय करें। इस समय सरकार यदि अपने अनावश्यक खर्च में 30 प्रतिशत भी कटौती करती है तो इससे कई हजार करोड़ रुपए की बचत होगी और सरकार को पैसे के लिए देश के सैनिकों, पेंशनरों तथा कर्मचारियों की आय में कटौती नहीं करनी पडेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार ने डेढ़ साल तक महंगाई भत्ता देने पर रोक लगाकर मध्यम वर्ग को चोट पहुंचाई है। उसके इस फैसले से केंद्रीय कर्मचारियों के साथ ही 15 लाख सैन्यकर्मियों तथा करीब 26 लाख सैन्य पेंशनरों को नुकसान होगा। यह पहला मौका नहीं है जब केंद्र ने इस तरह से लोगों की जेब पर हमला किया है। इससे पहले उसने गत 21 मार्च को राष्ट्रीय बचत पर ब्याज दर घटाई है और सेविंग बैंक खातों में ब्याज दर में कटौती की है। यह तीसरा मौका है जब सरकार ने आम लोगों की जेब पर सीधा हमला किया है।(वार्ता)