निक्कू जायसवाल मर्डर की ख़बर चलने के बाद बौखलाया गैंगेस्टर अनिल गुप्ता, एक पैर जेल में फिर भी देख रहा है नेता बनने का ख्वाब

खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे की तर्ज पर जमानत पर जेल से बाहर निकला गैंगेस्टर अनिल गुप्ता अपने अपराधों की खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़ बौखला उठा है। आठ साल पहले जिले के युवा व्यापारी की हत्या मामले में अब वह बौखलाहट की वजह से न्यायालय पर भी टिप्पणी करने से बाज नहीं आ रहा है और तो और वह इस मर्डर में अपने आठ साथी गुर्गों को हत्या का आरोपी बता अपना दामन बचाने की नापाक कोशिश कर रहा है। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 31 March 2020, 12:50 PM IST
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महराजगंज: दस अप्रैल को महराजगंज की जिला अदालत में घुघुली के युवा व्यापारी निक्कू जायसवाल हत्याकांड मामले की अगली सुनवाई है। चारों ओर से अपने को घिरा देख हत्या के आरोपी अनिल गुप्ता बौखला उठा है।

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घुघली थाने के बेलवा टीकर गांव के निवासी कोदई गुप्ता का पुत्र अनिल फर्जी आरटीआई और लीगल नोटिस की आड़ में सरकारी अफसरों और ग्राम प्रधानों से रंगदारी वसूली का काला धंधा चलाता है। इस काम में उसने कई नवयुवकों को अपना मोहरा बना रखा है। अपनी जाति के संगठन की आड़ में यह अपनी गैरकानूनी गतिविधियों को अंजाम देता है।

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डाइनामाइट न्यूज़ के पास मौजूद दस्तावेज बताते हैं कि इन्हीं काली करतूतों के चक्कर में उस पर एक दर्जन संगीन मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। जिला प्रशासन इस अपराधी पर गैंगेस्टर लगा चुका है। कई बार जेल में ठूंस चुका है। दो-दो बार इस पर 2014 और 2017 में जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों ने गुंडा एक्ट लगाकर जिला बदर किया। इतने पर भी नहीं सुधरा तब पुलिस ने इसकी हिस्ट्रीशीट खोल डाली। यह घुघुली थाने का मजारिया हिस्ट्रीशीटर 7-बी है।

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इसकी मनबढ़ई का आलम यह है कि यह आये दिन जिले के अफसरों और सत्तारुढ़ दलों के जनप्रतिनिधियों तक से रंगदारी वसूलने के चक्कर में रहता है। इन्हीं सब करतूतों का नतीजा इस पर एक दर्जन संगीन मुकदमे लेकर आय़ा। इनमें से अधिकांश मामलों में पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर रखे हैं। 

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निक्कू हत्याकांड के आरोपी अनिल गुप्ता के काले-कारनामों के बारे में जब देश की राजधानी नई दिल्ली से हिंदी व अंग्रेजी भाषा में प्रसारित होने वाले प्रतिष्ठित राष्ट्रीय न्यूज़ पोर्टल डाइनामाइट न्यूज़ पर खबरें प्रकाशित हुईं तो यह बौखला उठा और कुत्सित दबाव बनाने के लिए सोशल मीडिया एक्ट का दुरुपयोग करते हुए व सामाजिक वैमनस्यता फैलाने के मकसद से सोशल मीडिया, फेसबुक और व्हाट्सअप पर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने लगा। यह न्यायालय पर टिप्पणी करने से भी नहीं चुक रहा है। और तो और अपने साजिश में लेकर इसने जिन आठ अन्य साथियों के साथ निक्कू को बेरहमी से गला रेतकर मौत के घाट उतारा था, उन्हीं आठ लोगों को अब यह हत्या के लिए जिम्मेदार ठहरा रहा है। अब अपने अपराध के काले इतिहास के साथ यह नेता बनने का अंधख्वाब देख रहा है। देखना दिलचस्प होगा गैंगेस्टर एक्ट में जमानत पर जेल से बाहर घूम रहा अनिल गुप्ता कौन सा अगला कांड करता है?