

गोरखपुर जनपद में बदलते मौसम के मिजाज को देखते हुए किसानों की रातों की नींद उड़ गई है। खराब मौसम के चलते गेंहू की फसले तबाह हो रही है। आगे की जानकारी के लिए पढिए डाइनामाइट न्यूज की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुरः उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जनपद में बीते तीन दिनों से बदले मौसम के मिजाज ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। तेज पुरवईया हवा और आसमान में छाए घने बादलों ने खेतों में खड़ी गेहूं की फसल पर संकट के बादल छा हुए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, खजनी, गोला, कम्पियरगंज, चौरीचौरा, बढहलगंज सहजनवां और सिकरीगंज क्षेत्र के छोटे किसान सबसे ज्यादा परेशान हैं। खेतों में अभी भी अधिकतर किसानों की फसलें खड़ी हैं। कई जगहों पर जहां कटाई की शुरुआत हुई, वहां तेज हवाओं और हल्की बारिश ने फसलों को गिरा दिया। गेहूं के डंठल इतने नर्म हो गए हैं कि मशीनों से कटाई तक मुश्किल हो गई है।
फसल पर गिरा मौसम का कहर
गोलाबाजार के बृजनाथ तिवारी, खजनी के रामअशीष तिवारी, बांसगांव के सुनील सिंह और पीपीगंज के देवेंद्र सिंह , ख़जनी सतुआभार से गुड्डू दुबे ,रामजी दुबे जैसे कई किसानों का कहना है कि फसल कटाई की तैयारी कर ही रहे थे कि अचानक मौसम ने पलटी मार दी। जो लोग फसल काट चुके हैं, उनकी उपज खेतों में भीगकर बर्बाद हो रही है—कहीं बोझ बना कर रखी गई फसल सड़ रही है तो कहीं गेहूं के बाल काले पड़ने लगे हैं, जिससे दाने काले होने का खतरा बढ़ गया है।
अरहर की फसल भी संकट में
मौसम की इस असमय बारिश का असर केवल गेहूं पर नहीं, बल्कि दलहन की अरहर फसल पर भी पड़ रहा है। तैयार खड़ी अरहर पर नमी और बारिश का असर पड़ने से दाना खराब होने का डर बना हुआ है।
सरकार से मदद की उम्मीद
किसानों का कहना है कि ऐसे वक्त में सरकार को तुरंत हस्तक्षेप कर सहायता पैकेज की घोषणा करनी चाहिए। जिनकी फसलें बर्बाद हो रही हैं, उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। वरना इस बार की फसल उनके लिए घाटे का सौदा बन सकती है।
एक उम्मीद की किरण
अब किसान आस लगाए बैठे हैं कि या तो मौसम जल्दी सुधरे या सरकार उन्हें राहत पहुंचाए। वरना मेहनत से उगाई गई फसलें खेतों में ही दम तोड़ देंगी।
क्या सरकार आगे आएगी? क्या किसान को मिलेगा उसका हक? जवाब शायद बादलों के छंटने के बाद मिलेगा।