DN Exclusive: अपहरण कांड में 72 घंटे बाद भी महराजगंज पुलिस के हाथ खाली, डीआईजी ने काटा फोन
प्रदेश भर में सुर्खियों में रहे कानपुर के संजीत अपहरण और हत्याकांड मामले में वर्दीधारियों की संदिग्ध भूमिका के मामले के बाद अब महराजगंज जिले में तीन दिन पहले पचास लाख की फिरौती के लिए 6 साल के मासूम बच्चे के अपहरण कांड ने गोरखपुर मंडल में हलचल मचा रखी है लेकिन जिम्मेदार सवालों के जवाब देने से बच रहे हैं। डाइनामाइट न्यूज़ एक्सक्लूसिव:
महराजगंज: तीन महीने पहले पुलिस द्वारा की गयी भयंकर लापरवाही ने एक मासूम बच्चे की जान खतरे में डाल दी है। सदर कोतवाली के बांसपार बैजौली गांव के टोला भुलनापुर निवासी छह वर्षीय मासूम बच्चे पीयूष गुप्ता का अपहरण बुधवार को अज्ञात अपहरणकर्ताओं ने कर लिया गया। अपह्रत मासूम का पिता दीपक गुप्ता हैदराबाद में ठेकेदारी का काम करते हैं।
स्थानीय लोगों के मुताबिक अपहरणकर्ताओं ने तीन महीने पहले पांच लाख की रकम मांगी थी तो उस वक्त जिम्मेदारों ने कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की। बताया जा रहा है कि तब दीपक गुप्ता के व्हाट्सअप पर मैसेज कर पांच लाख की रंगदारी मांगी गयी थी, रुपया न देने पर बच्चे के अपहरण और हत्या की धमकी दी गयी थी। तब पीयूष के चाचा नागेश्वर ने पुलिस को शिकायत दी थी लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।
लचर पुलिसिया कार्यप्रणाली का नतीजा यह हुआ कि अपहरणकर्ताओं के हौसले बुलंद हो गये और बीते बुधवार को दिनदहाड़े बच्चे का अपहरण कर लिया। फिर अपहरणकर्ताओं ने फिरौती के लिए एक पत्र परिजनों को भेजा, जिसमें पचास लाख रुपये की रंगदारी मांगी गयी है। 72 घंटे बाद भी पुलिसिया नाकामी से मासूम के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। पुलिस रटा-रटाया जवाब दे रही है, प्रयास जारी है, कई टीमें गठित कर गयी हैं, जल्द अपहरणकर्ता पकड़ में होंगे।
लेकिन जिस अंदाज में अपहरणकर्ताओं के हौसले बुलंद हैं, उससे यदि कहीं कानपुर के संजीत अपहरण और बाद हत्या के कांड की तरह इस मामले की भी पुनरावृत्ति हो गयी तो फिर जिम्मेदार क्या जवाब देंगे कि आखिर तीन महीने पहले मामला सामने आने के बाद भी पुलिस ने क्यों मामले को इतने हल्के में लिया? अब इधर पुलिस अपना दामन बचाने के लिए मामले को आपसी विवाद जैसा दूसरे रंग देना चाह रही है।
इस मामले में डाइनामाइट न्यूज़ ने जब गोरखपुर रेंज के डीआईजी राजेश डी.मोदक से सवाल पूछा कि 72 घंटे बाद भी पुलिस के हाथ खाली क्यों हैं? यदि मासूम के साथ कोई अनहोनी घटना हो गयी तो कौन जिम्मेदार होगा? ये सवाल सुनने के बाद डीआईजी से कोई जवाब देते नहीं बना और उन्होंने फोन काट दिया।