

राजस्थान की उपमुख्यमंत्री घोषित की गईं जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य दीया कुमारी दो बार विधायक और एक बार सांसद रह चुकी हैं। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
जयपुर: राजस्थान की उपमुख्यमंत्री घोषित की गईं जयपुर के पूर्व राजपरिवार की सदस्य दीया कुमारी दो बार विधायक और एक बार सांसद रह चुकी हैं।
दीया कुमारी को मंगलवार को राजस्थान की नई उपमुख्यमंत्री घोषित किया गया। उनके साथ ही प्रेमचंद बैरवा भी राजस्थान के उपमुख्यमंत्री होंगे जबकि भजनलाल शर्मा राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक दीया कुमारी राजसमंद से भाजपा की सांसद थीं और उन्हें विधानसभा चुनाव में जयपुर की विद्याधर नगर सीट से मैदान में उतारा गया था।
कुमारी 2013 में सवाई माधोपुर विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बनीं। 2019 के लोकसभा चुनाव में वह राजसमंद निर्वाचन क्षेत्र से सांसद चुनी गईं। 51 वर्षीय दीया कुमारी जयपुर के पूर्व राजपरिवार के सवाई भवानी सिंह की बेटी हैं। भवानी सिंह ने 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में 10वीं पैराशूट रेजिमेंट के पैरा कमांडो के लेफ्टिनेंट कर्नल और कमांडिंग ऑफिसर के रूप में गौरव हासिल किया था।
दीया कुमारी कई स्वयंसेवी संगठनों और सामाजिक संगठनों से जुड़ी हुई हैं।
वहीं, राजस्थान के नए उपमुख्यमंत्री घोषित किए गए प्रेम चंद बैरवा (54) दूदू विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के विधायक हैं। उन्हें पार्टी की राजस्थान इकाई के दलित चेहरे के रूप में देखा जाता है। बैरवा राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर से पीएचडी डिग्री धारक हैं।
इस विधानसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार बाबूलाल नागर को 35,743 वोटों के अंतर से हराया है।
भाजपा विधायक दल की बैठक में विधायक वासुदेव देवनानी को राज्य विधानसभा का अध्यक्ष घोषित किया गया।
अजमेर उत्तर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले देवनानी पूर्व मंत्री हैं। वह इंजीनियरिंग स्नातक हैं और राजनीति में प्रवेश करने से पहले वह उदयपुर में सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज में व्याख्याता थे। 30 साल का शिक्षण अनुभव रखने वाले 73 वर्षीय नेता 1968 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हुए और कई पदों पर रहे।
वह 2003 में पहली बार अजमेर पश्चिम सीट से विधायक चुने गए। वह 2008 से 13 तक और फिर 2013 से 2018 तक अजमेर उत्तर से विधायक रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े देवनानी 2014 से 2018 तक प्राथमिक, माध्यमिक शिक्षा और भाषा विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) थे।
शिक्षा राज्य मंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान, महाराणा प्रताप, वी.डी. सावरकर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, सरदार पटेल और एपीजे अब्दुल कलाम जैसी हस्तियों को शामिल करने के लिए स्कूल पाठ्यक्रम में बदलाव किए गए।
No related posts found.