आईआईटी बॉम्बे के छात्र की मौत के मामले में इन संगठनों ने सीएम को लिखा पत्र, जानिये क्या कहा

डीएन ब्यूरो

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के छात्रों के कम से कम दो संगठनों ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध किया है कि प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत के मामले में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जाए। पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

फाइल फोटो
फाइल फोटो


मुंबई: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) बॉम्बे के छात्रों के कम से कम दो संगठनों ने महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस से अनुरोध किया है कि प्रथम वर्ष के छात्र दर्शन सोलंकी की मौत के मामले में पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जाए।

गौरतलब है कि दर्शन सोलंकी ने इस साल फरवरी महीने में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

इस मामले को लेकर राज्य सरकार ने एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया है।

फडणवीस को मंगलवार को लिखे गए एक ई-मेल/पत्र में, छात्रों के समूहों ने दावा किया कि एसआईटी की जांच पुलिस द्वारा दर्ज की गई ‘दुर्घटनावश मौत की रिपोर्ट’ (एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट ... एडीआर) पर आधारित है।

यह ईमेल/पत्र आंबेडकर पेरियार फुले स्टडी सर्कल (एपीपीएससी), आंबेडकराइट स्टूडेंट्स कलेक्टिव (एएससी) और आईआईटी बॉम्बे के पूर्व छात्र समूह द्वारा लिखा गया।

छात्रों के समूहों ने अपने पत्र में दावा किया कि गुजरात के अहमदाबाद जिले के रहने वाले सोलंकी के माता-पिता 16 मार्च को प्राथमिकी (प्रथम सूचना रिपोर्ट) दर्ज कराने के लिए मुंबई आए थे, लेकिन स्थानीय पवई पुलिस थाने, एसआईटी और मुंबई पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने कई बार अनुरोध करने के बावजूद प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया।

पत्र में कहा गया है, 'हमें डर है कि जांच का यह कोण आईआईटी बॉम्बे की अंतरिम रिपोर्ट को दोहराएगा जहां उन्होंने दर्शन की योग्यता पर दोष मढ़ दिया और संभावित अत्याचारों को नजरअंदाज कर दिया।'

एपीपीएससी ने सोलंकी की एक तस्वीर भी ट्वीट की और कैप्शन में लिखा कि वह मंगलवार को 19 साल के हो जाते।

एपीपीएससी ने ट्वीट में लिखा, 'दर्शन आज 19 साल के हो गए होते अगर संस्थान ने संकाय में आरक्षण, मानसिक स्वास्थ्य सहायता, सवर्णों के लिए संवेदनशीलता, उचित शिकायत निवारण तंत्र जैसी सभी अनिवार्य नीतियों को लागू किया होता। संस्थान ने आपको (दर्शन को) विफल कर दिया।'

गुजरात के अहमदाबाद के रहने वाले और बीटेक (केमिकल) पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के छात्र सोलंकी ने 12 फरवरी को परिसर में स्थित एक छात्रावास की इमारत की सातवीं मंजिल से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

उसके परिवार ने दावा किया था कि उन्हें अनुसूचित जाति समुदाय से संबंधित होने के कारण संस्थान में भेदभाव का सामना करना पड़ा था और परिवार को उसकी मौत में साजिश का संदेह है।

हालांकि, संस्थान द्वारा गठित जांच समिति ने जाति-आधारित भेदभाव को खारिज कर दिया और अध्ययन को लेकर दर्शन की योग्यता को अपर्याप्त बताया।










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