कोर्ट ने अस्पताल को गलत मेडिकल प्रक्रिया के लिए व्यक्ति को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया, जानिये पूरा मामला

डीएन ब्यूरो

महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कल्याण कस्बे के एक अस्पताल को निर्देश दिया है कि वह खराब चिकित्सा प्रक्रिया और गलत इलाज के कारण एक व्यक्ति के पैर काटे जाने पर उसे 10 लाख रुपये का मुआवजा दे। पढ़ें पूरी रिपोर्ट डाइनामाइट न्यूज़ पर

उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग
उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग


ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे जिले के उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने कल्याण कस्बे के एक अस्पताल को निर्देश दिया है कि वह खराब चिकित्सा प्रक्रिया और गलत इलाज के कारण एक व्यक्ति के पैर काटे जाने पर उसे 10 लाख रुपये का मुआवजा दे।

आयोग ने 23 मार्च के अपने आदेश में कहा कि अस्पताल शिकायतकर्ता योगेश रामकुमार पाल को शिकायत के खर्च के रूप में 30,000 रुपये का भी भुगतान करे। आदेश की प्रति शनिवार को उपलब्ध कराई गई।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार आयोग ने अस्पताल के एक चिकित्सक और बीमा कंपनी के खिलाफ शिकायत को खारिज कर दिया।

गौरतलब है कि शिकायतकर्ता पाल ने आयोग को बताया था कि 22 अक्टूबर, 2010 को वह मोटरसाइकिल से गिर गया और उसके दाहिने घुटने में चोट लग गई थी जिसके बाद उसे कल्याण शहर के एक अस्पताल में लाया गया जहां उसका प्राथमिक उपचार किया गया और उसके पैर में प्लास्टर लगाया गया और अगले ही दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

दो दिन बाद, उन्हें (पाल को) लगा कि उसके दाहिने पैर में कोई हलचल नहीं हो रही है, उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां चिकित्सकों ने उससे कहा कि गलत प्लास्टर लगाने के कारण उसके दाहिने पैर में रक्त संचार बाधित हो गया है और उन्हें सलाह दी कि वह पड़ोस के किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल में जाएं।

केईएम के चिकित्सकों का मानना ​​था कि कल्याण के अस्पताल में गलत और लापरवाही से प्लास्टर लगाए जाने के कारण व्यक्ति के दाहिने पैर में रक्त संचार बाधित हो गया था। केईएम ने व्यक्ति के दाहिने पैर को काटने की सलाह दी थी।










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