टियर-2, टियर-3 शहरों के उच्च शिक्षण संस्थानों में करना होगा व्यापक सुधार

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने देश के छोटे शहरों के उच्च शिक्षण संस्थानों में नवाचार के वातावरण को मजबूत करने और छात्रों व युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने की जरूरत बतायी एवं नवाचार पाठ्यक्रम के विकास की दिशा में काम करने की सिफारिश की।पढ़िये पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर

Post Published By: डीएन ब्यूरो
Updated : 21 February 2023, 6:46 PM IST
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नयी दिल्ली: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने देश के छोटे शहरों के उच्च शिक्षण संस्थानों में नवाचार के वातावरण को मजबूत करने और छात्रों व युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने की जरूरत बतायी एवं नवाचार पाठ्यक्रम के विकास की दिशा में काम करने की सिफारिश की।

नीति आयोग के अटल नवाचार मिशन (एआईएम) की प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करने के लिए सोमवार को हुई मिशन की उच्च-स्तरीय समिति (एमएचएलसी) की बैठक में प्रधान ने यह बात कही । इसकी अध्यक्षता शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की।

इस समिति ने पिछले साल एआईएम द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा की और आने वाले वर्षों के लिए महत्वपूर्ण पहलों पर चर्चा की।

मंत्रालय के बयान के अनुसार, प्रधान ने विशेष रूप से टियर-2, टियर-3 शहरों के उच्च शिक्षण संस्थानों में नवाचार के वातावरण को मजबूत करने और छात्रों व युवाओं के बीच उद्यमिता को बढ़ावा देने की जरूरत पर जोर दिया।

उन्होंने एआईएम और शिक्षा मंत्रालय को विद्यालयों एवं उच्च शिक्षा संस्थानों में नवाचार पाठ्यक्रम के विकास की दिशा में काम करने की सिफारिश की।

इस समिति ने अटल नवाचार मिशन 2.0 के लिए निर्धारित कई प्रमुख पहलों पर चर्चा की। इनमें सभी छात्रों के लिए परिवर्तनशीलता लाने, क्षेत्रीय इन्क्यूबेशन सेंटर और उद्योग अनुकूल उन्नत रूपों के साथ व्यवस्था को आगे बढ़ाना और क्षेत्रों, राज्यों एवं केंद्रीय मंत्रालयों की नवाचार क्षमता को बढ़ाना आदि शामिल है।

प्रधान ने कहा, 'अटल नवाचार मिशन ने देश में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। हमें नवाचार इकोसिस्टम को मजबूत करना जारी रखना चाहिए और इच्छुक नवप्रवर्तकों के लिए संसाधनों व सहायता तक अधिक पहुंच प्रदान करनी चाहिए।’’

शिक्षा मंत्री ने कहा, ‘‘ मुझे विश्वास है कि इन नई पहलों की शुरुआत के साथ हम देश में एक जीवंत और गतिशील नवाचार माहौल के निर्माण में सक्षम होंगे।'

 

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