

सिसवा क्षेत्र के चैनपुर गांव में शासकीय धनराशि के दुरूपयोग का जांच करने पहुंची सहायक आयुक्त राज्य कर वापस लौट गईं। पूरी खबर डाइनामाइट न्यूज़ पर
महराजगंज: सिसवा विकास खंड के चैनपुर गाँव के स्थानीय ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर शासकीय धनराशि के दुरूपयोग सहित पांच बिन्दुओं को लेकर जिलाधिकारी से शिकायत की थी। जिसके बाद मामले की जांच करने पहुंची सहायक आयुक्त, राज्य कर से शिकायतकर्ता ग्रामीण ही विवाद करने लगे। विवाद की स्थिति उत्पन्न होने के बाद जांच अधिकारी वहां से बैरंग वापस लौट गईं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार चैनपुर गांव के निवासी बख्शीश अली व रामपाल विश्वकर्मा ने मुख्यमंत्री सहित सम्बंधित अधिकारियों से ग्राम सभा में शासकीय धनराशि के दुरूपयोग की शिकायत की थी।
शिकायत के बाद जांच के लिए सहायक आयुक्त राज्य कर प्रियंका श्रीवास्तव को भेजा गया था, लेकिन शिकायतकर्ताओं से सवाल-जवाब करने पर ग्रामीण भड़क गये और देखते ही देखते विवाद का माहौल बन गया। जिसके बाद जांचकर्ता बैरंग वापस चली गईं।
शिकायतकर्ता बक्शीश अली ने डानामाइट न्यूज़ को बताया कि गांव के विकास के लिये शासकीय धन की बंदरबाट की गई है।
उन्होंने बताया कि राबिश और ईंट के टुकड़ा के लिए मार्च 2023 से जुलाई 2024 के बीच 835684 रुपय निकाला गया है। वहीं गांव के 21 पोलों पर स्ट्रीट लाइट के नाम पर 543514 रुपय की भुगतान किया गया है। इसके साथ ही शिकायतकर्ता ने यह भी बताया कि विद्यालय के मिड डे मील के भोजन का राशन ग्राम प्रधान अपने घर पर रखते हैं।
ऐसे ही पांच बिंदुओं पर जिलाधिकारी से शिकायत की गईं थीं। जिसके जांच के लिए सहायक आयुक्त राज्य कर प्रियंका श्रीवास्तव को भेजा गया था लेकिन जांच अधिकारी दोषियों को बचाने के लिये शिकायतकर्ताओं पर उलटे सीधे सवाल से दबाव बनाने लगी।
स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त हो गया और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गईं, जिसके जांचकर्ता वापस चली गईं।