महराजगंज की सबसे बड़ी खबर: जिले के विवादित एडीएम कुंज बिहारी अग्रवाल का तबादला, नये अफसर की हुई तैनाती

डीएन ब्यूरो

महराजगंज जिले में खबर मतलब सिर्फ और सिर्फ डाइनामाइट न्यूज़। जिले के ब्यूरोक्रेसी से जुड़ी सबसे बड़ी खबर आप इस वक्त सबसे पहले सिर्फ डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़ रहे हैं। एक्सक्लूसिव न्यूज़:

कुंज बिहारी अग्रवाल के बुरे दिन शुरु (फाइल फोटो)
कुंज बिहारी अग्रवाल के बुरे दिन शुरु (फाइल फोटो)


लखनऊ: महराजगंज जिले में खबर मतलब सिर्फ और सिर्फ डाइनामाइट न्यूज़। जिले के ब्यूरोक्रेसी से जुड़ी सबसे बड़ी खबर आप इस वक्त सबसे पहले सिर्फ डाइनामाइट न्यूज़ पर पढ़ रहे हैं। 

16 जनवरी 1962 को जन्मे फतेहपुर के बिंदकी तहसील के मूल निवासी और महराजगंज जिले में 24 फरवरी 2019 से एडीएम (FR) के पद पर काबिज कुंज बिहारी अग्रवाल के बुरे दिन शुरु हो गये हैं।

लखनऊ स्थित उच्च पदस्थ सूत्रों ने डाइनामाइट न्यूज़ को बताया कि कुंज बिहारी का तबादला कर दिया गया है। इन्हें कानपुर मंडल के अपर आय़ुक्त पद पर भेजा गया है। इनके रिटायरमेंट में अब महज चार महीने शेष बचे हैं।

महराजगंज जिले में पंकज कुमार वर्मा को नया एडीएम (FR) बनाया गया है। ये डायरेक्ट पीसीएस अफसर हैं और अब तक अंबेडकर नगर में तैनात रहे हैं। 

अपने स्वार्थ के लिए किसी भी हद तक गिर जाने के लिए कुख्यात कुंज बिहारी जब हरदोई में तैनात थे तब एक नेता का सरे-कार्यक्रम में ये पैर पकड़ते नजर आय़े थे। उस वक्त वायरल वीडियो को देख साथी अफसरों ने जमकर इनकी लानत-मलामत की थी।

महराजगंज जिले में तैनात रहे पूर्व जिलाधिकारी अमरनाथ उपाध्याय का खास बनने के चक्कर में इन्होंने कई गैरकानूनी कार्यों को अंजाम दिया। जिसके चलते रिटायरमेंट के बाद भी हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ये हांफते-डांफते नजर आयें तो कोई आश्चर्य नहीं। 

राहत कामों में बचाव के नाम पर अक्टूबर 2019 में इनकी लापरवाही से एक गरीब निर्दोष की जान चली गयी उस वक्त इनको गिरफ्तार कर जेल भेजा जाना चाहिये था लेकिन इसके आका अमरनाथ ने इसे बचा लिया।

जब महराजगंज जिले में नये जिलाधिकारी के रुप में डा. उज्ज्वल कुमार की तैनाती हुई तो उन्होंने धीरे-धीरे इस अफसर की संदिग्ध कार्यप्रणाली को समझ लिया, फिर क्या एक-एक कर इनके सारे कमाऊ चार्ज डीएम ने छीन लिये। तबसे ये उस तरह तड़प रहे थे जैसे बिन पानी मछली।

कुंज बिहारी ने वर्तमान डीएम के खिलाफ अंदर ही अंदर जाल बुनना शुरु कर दिया था, जब भी कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति इनसे मिलने जाता तो ये डीएम के खिलाफ भड़काने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखते। इन सब खबरों से नाराज डीएम ने इनके खिलाफ शासन को डीओ लेटर भी लिख डाला।

औऱ नतीजा.. डीएम से पंगा लेना एडीएम कुंज बिहारी को पड़ा महंगा

 

 










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