Balrampur Fraud: बलरामपुर में टप्पेबाजों को कड़ा एक्शन, देखिए कैसे पुलिस ने दबोचे 2 अभियुक्त

डीएन ब्यूरो

बलरामपुर कोतवाली नगर की पुलिस ने भी फर्जी दस्तावेज के सहारे बैनामा करने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट

पुलिस ने दबोचे दो टप्पेबाज
पुलिस ने दबोचे दो टप्पेबाज


बलरामपुर: बलरामपुर जिले में आज चार फर्जी दस्तावेज के सहारे फर्जी बैनामे करने वाले अभियुक्त गिरफ्तार किए गए है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि एक सक्रिय गैंग की सक्रिय भूमिका से यह कारोबार जिले में खूब फल फूल रहा है। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, मंगलवार को जिले में चार टप्पेबाजों को जिले की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। जिसमें दो रेहराबाजार पुलिस ने व दो अभियुक्तों को कोतवाली नगर की पुलिस ने गिरफ्तार किया है।

यह जानकारी देते हुए एसपी विकास कुमार ने बताया तीन अगस्त वर्ष 2023 में पीड़ित राम छबीले निवासी ग्राम कटिया ने कोतवाली नगर में शिकायत की थी कि उसकी कई गाटा संख्या की 0.7004 हेक्टर की जमीन फर्जी दस्तावेजों के सहारे प्रदीप के नाम करवा दी है। जबकि उक्त रकबे में कही भी प्रदीप का नाम नहीं था। जिसकी सूचना पर कोतवाली नगर में मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस जांच में जुटी थी।

जान से मारने की मिलती थी धमकी

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पीड़ित प्रदीप ने बताया कि जब भी बैनामा खारिज करने की बात वह विपक्षियों से कहता था, तो बदले में उसे गाली गलौज व जान से मारने की धमकी मिलती थी।

कोतवाली नगर की पुलिस ने की गिरफ्तारी

मंगलवार को कोतवाली नगर के प्रभारी निरीक्षक शैलेश सिंह के निर्देशन में कोतवाली नगर की पुलिस ने फर्जी दस्तावेजों के सहारे बैनामा कराने वाले धीरेन्द्र कुमार पांडेय व विश्वनाथ गुप्ता को भगवतीगंज केमिकल रोड सागर होटल के पास से गिरफ्तार किया। 

फर्जी बैनामे के खेल के पीछे बड़ा सिंडिकेट

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जानकारों की मानें तो फर्जी बैनामा कराने के पीछे एक बड़ा सिंडिकेट काम कर रहा है। एक अधिवक्ता बताते हैं कि बैनामे से पूर्व काफी कागजी कोरम, जांच व दस्तावेज लगते है। ऐसे मे विक्रेता का आधार नंबर और उसके फिंगर प्रिंट सहित उसके बैंक खाते की भी जरूरत पड़ती है। जिसमें पैसा बैनामे से पूर्व पैसा ट्रांसफर होता है। इन्हीं सभी जांच के बाद ही रजिस्ट्रार सब रजिस्ट्रार उस पर मोहर लगाते हैं।

इन सब तथ्यों पर प्रकाश डालें तो यह कहना गलत नहीं होगा कि इस फर्जी बैनामे के खेल में कई सफेद पोश नेता या अधिकारी भी शामिल हैं। इस पूरे सिंडिकेट को तोड़ना बलरामपुर पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है।










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