बलरामपुर: जानिए निषाद समाज को जगाने के लिए जिले में पहुंचे मंत्री ने क्या कहा

डीएन ब्यूरो

जिले में मंगलवार को संवैधानिक यात्रा लेके पहुंचे मंत्री संजय निषाद ने जमके दहाड़ लगाई। इस दौरान उन्होंने कार्यकर्ताओं को 2027 के लिए तैयार रहने की बात कही। देखिए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट

यात्रा लेकर पहुंचे मंत्री संजय निषाद
यात्रा लेकर पहुंचे मंत्री संजय निषाद


बलरामपुर: पूरे उत्तर प्रदेश की 200 विधानसभा सीटें निषाद बाहुल्य है। 2027 में हमें उन्हें जीतने के लिए निषाद समाज के लोगों को जगाना होगा। इसी लिए मैं संवैधानिक अधिकार यात्रा पर निकला हूं। 

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह बाते जिले में संवैधानिक अधिकार यात्रा लेके पहुंचे मंत्री संजय निषाद ने कही। उन्होंने जिले भर में यात्रा करते हुए निषाद समाज को 2027 चुनाव के लिए तैयार रहने के लिए मूल मंत्र दिया।

1994 में संवैधानिक अधिकारों से हुए थे वंचित

मंत्री संजय निषाद ने कहा कि 1994 में तत्कालीन सरकार ने केवट, मल्हा, मछुआ व निषाद समाज के लोगों को पिछड़ी वर्ग की श्रेणी में डालकर संवैधानिक अधिकारों से वंचित कर दिया था। जबकि हमें संविधान में सरकारी पैसों से शिक्षा और सरकारी नौकरी का अधिकार मिला था। आज के समय हमारे बच्चे पैसा होने पर ही शिक्षा ग्रहण कर पाते है। पैसों के अभाव में हजारों बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते है।

यह भी पढ़ें | यूपी विधानसभा सत्र के पहले दिन सपा का जबदस्त हंगामा, संभल पर गरमाया माहौल

2016 में अधिसूचना से नाम किया गायब

संजय निषाद ने कहा कि वर्ष 2016 में हमें एक बार फिर छला गया। प्रदेश की वर्तमान सपा सरकार ने अधिसूचना से नाम बाहर कर दिया। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रदेश सरकार को अनुसूचित जनजाति के मामलों में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं है। इस तरह निषाद समाज को पिछड़ी में डालकर पिछड़ाने का काम किया गया है।

जोरदार हुआ स्वागत

जिले में संवैधानिक अधिकार यात्रा लेकर पहुंचे मंत्री व राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय निषाद का कार्यकर्ताओं ने जोरदार स्वागत किया। भीषण ठंड के बावजूद अपने नेता की एक झलक के लिए कार्यकर्ता डटे रहे। 

यह भी पढ़ें | बलरामपुर पहुंचे पुलिस महानिरीक्षक ने जानिये क्या गजब काम किया

फूंका चुनावी बिगुल

एक तरह से देखा जाय तो यह यात्रा निषाद समाज के लोगों को जागरूक बनाने के लिए है। लेकिन जिले में पहुंचे मंत्री संजय निषाद अकड़ा बताते हुए चुनावी बिगुल फूंकने का काम किया है।










संबंधित समाचार