लागत में कमी के लिए एयरलाइन कंपनियां साझा एमआरओ सुविधा स्थापित करें

देश की एयरलाइन कंपनियां अपने बेड़े का विस्तार करने की तैयारी में लगी हैं। ऐसे में पूर्व नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने सुझाव दिया है कि भारतीय एयरलाइन कंपनियों को देश के भीतर ही रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) के लिए एक साझा सेवा सुविधा स्थापित करने पर ध्यान देना चाहिए।

Updated : 19 February 2023, 3:28 PM IST
google-preferred

नयी दिल्ली: देश की एयरलाइन कंपनियां अपने बेड़े का विस्तार करने की तैयारी में लगी हैं। ऐसे में पूर्व नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने सुझाव दिया है कि भारतीय एयरलाइन कंपनियों को देश के भीतर ही रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (एमआरओ) के लिए एक साझा सेवा सुविधा स्थापित करने पर ध्यान देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि इससे इन कंपनियों की लागत घटेगी।

एयर इंडिया द्वारा 17 वर्षों से अधिक के बाद नए विमानों के ऑर्डर देने पर प्रभु ने कहा कि एयरलाइन को लाभदायक खाड़ी मार्गों पर और अधिक उड़ानों का परिचालन करने के साथ पूर्व में अपने संचालन वाले ‘ऐतिहासिक संपर्क’ को बहाल करने का प्रयास करना चाहिए।

प्रभु मार्च, 2018 से मई, 2019 तक नागर विमानन मंत्री थे। उनके कार्यकाल के दौरान घाटे में चल रही एयर इंडिया के पुनरुद्धार के प्रयास भी किए गए। अंततः टाटा समूह ने जनवरी, 2022 में सरकार के विनिवेश कार्यक्रम के तहत एयर इंडिया का अधिग्रहण किया।

प्रभु ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘हमें भारत को अंतरराष्ट्रीय विमानन केंद्र बनाने के साथ एक साझा विमानन सुविधा पर भी काम करना चाहिए। इसका इस्तेमाल सभी एयरलाइन कंपनियां कर सकेंगी। भारत में ज्यादातर विमानों को एमआरओ सेवाओं के लिए विदेशों में ले जाना पड़ता है। देश में साझा एमआरओ सुविधा से एयरलाइन कंपनियों का काफी खर्च बचेगा।’’

उन्होंने कहा कि विमानन क्षेत्र काफी चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में एयर इंडिया को अपनी पूरी क्षमता पर काम करना चाहिए। ।

इस सप्ताह की शुरुआत में एयर इंडिया ने एयरबस और बोइंग से 470 विमानों की खरीद के ऑर्डर की घोषणा की है। इसके अलावा एयरलाइन के पास 370 और विमान खरीदने का भी विकल्प होगा।

पूर्व नागर विमानन मंत्री ने कहा, ‘‘विमान का ऑर्डर देना एयर इंडिया के लिए काफी जरूरी था। जेट एयरवेज के ठप होने के बाद एक ‘खालीपन’ आ गया था, जिसे विस्तार ने आंशिक रूप से कुछ भरा है। एयर इंडिया द्वारा बड़ी संख्या में विमानों की खरीद के साथ इस खाली जगह को काफी हद तक भरा जा सकेगा।’’

उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा भारतीय शहरों को हवाई संपर्क से जोड़ने से एयर इंडिया का मुनाफा बढ़ेगा। जेट एयरवेज ने वित्तीय संकट के चलते अप्रैल, 2019 में परिचालन बंद कर दिया था।

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार है और बढ़ती हवाई यातायात की मांग को पूरा करने के लिए घरेलू एयरलाइन कंपनियां अपने बेड़े के साथ-साथ परिचालन का विस्तार कर रही हैं।

Published : 
  • 19 February 2023, 3:28 PM IST

Related News

No related posts found.