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ICC T20 वर्ल्ड कप 2025 से पहले टीम इंडिया का ऐलान 20 दिसंबर को होने की उम्मीद है, जिसमें बड़े बदलाव की संभावना कम है। सूर्यकुमार यादव की कप्तानी को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। ऐसे में सवाल ये है भी कि क्या कप्तानी के तौर पर सूर्या का करियर यहीं खत्म हो जाएगा?
सूर्यकुमार यादव को क्या मिलेगी कप्तानी (Img: Internet)
New Delhi: ICC T20 वर्ल्ड कप 2025 के लिए भारतीय टीम की घोषणा 20 दिसंबर, 2025 की दोपहर होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक, चयन समिति इस बार टीम में बहुत ज्यादा बदलाव करने के मूड में नहीं है। भले ही कप्तान सूर्यकुमार यादव और उप-कप्तान शुभमन गिल हाल के समय में लगातार प्रभावशाली प्रदर्शन नहीं कर पाए हों, लेकिन उन्हें टीम से बाहर करने या लीडरशिप रोल से हटाने की संभावना बेहद कम मानी जा रही है। BCCI के पास 7 फरवरी, 2025 तक टीम में बदलाव का विकल्प जरूर रहेगा, मगर बड़े फेरबदल की उम्मीद नहीं है।
भारत और श्रीलंका की संयुक्त मेजबानी में होने वाला यह T20 वर्ल्ड कप सूर्यकुमार यादव के करियर के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। 35 साल के सूर्यकुमार पिछले 14 महीनों और करीब 24 मैचों से खराब फॉर्म से जूझ रहे हैं। इसके बावजूद उनका टीम में बने रहना इस बात का संकेत है कि मैनेजमेंट उनकी कप्तानी को अहम मानता है। माना जा रहा है कि यह टूर्नामेंट T20 कप्तान के तौर पर उनका आखिरी बड़ा असाइनमेंट हो सकता है। मुंबई में USA के खिलाफ पहले वर्ल्ड कप मैच से पहले ज्यादा मुकाबले नहीं बचे हैं, इसलिए सेलेक्टर्स स्थिरता के पक्ष में नजर आ रहे हैं।
सूर्यकुमार यादव को क्या मिलेगी कप्तानी (Img: Internet)
वर्ल्ड कप से पहले न्यूजीलैंड दौरा टीम इंडिया के लिए आखिरी बड़ी परीक्षा माना जा रहा है। उम्मीद है कि लगभग वही टीम इस दौरे पर जाएगी, जिससे प्रयोग के मौके सीमित होंगे। शुभमन गिल की जगह को लेकर अब भी सवाल बने हुए हैं। दूसरी ओर, यशस्वी जायसवाल घरेलू T20 क्रिकेट में शानदार फॉर्म में हैं, लेकिन मौजूदा टीम कॉम्बिनेशन में उन्हें रोल-स्पेसिफिक स्लॉट में फिट करना आसान नहीं हो रहा है।
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संजू सैमसन को फिलहाल रिजर्व ओपनर और जितेश शर्मा के बाद दूसरे विकेटकीपर के तौर पर देखा जा रहा है। इस भूमिका के कारण टीम को बल्लेबाजी क्रम में ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी नहीं मिल पा रही है। सीमित मैच बचे होने के कारण चयनकर्ता इस कॉम्बिनेशन के साथ छेड़छाड़ करने से बच सकते हैं।
वॉशिंगटन सुंदर को टीम की एक संभावित कमजोर कड़ी माना जा रहा है। हालांकि, वह बॉलिंग ऑलराउंडर के तौर पर टीम को संतुलन देते हैं। बल्लेबाजी में उनका योगदान सीमित रहा है, लेकिन मैनेजमेंट उनकी उपयोगिता को नजरअंदाज नहीं कर रहा।
कुल मिलाकर भारतीय टीम कागजों पर मजबूत नजर आती है, लेकिन सबसे बड़ी चिंता यह है कि वर्ल्ड कप जैसे बड़े टूर्नामेंट से पहले टॉप तीन बल्लेबाजों में से दो खराब फॉर्म में हैं। अगर इन समस्याओं का समय रहते समाधान नहीं हुआ, तो इसका असर टीम के प्रदर्शन पर पड़ सकता है।