

भारत ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच लखनऊ में खेला गया पहला अनऑफिशियल टेस्ट मैच ड्रॉ रहा। मुकाबले में दोनों टीमों के बल्लेबाजों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। भारत की ओर से ध्रुव जुरेल और देवदत्त पडिक्कल ने शतक जड़े।
भारत ए बनाम ऑस्ट्रेलिया ए (Img: X)
Lucknow: भारत ए और ऑस्ट्रेलिया ए के बीच लखनऊ के इकाना स्टेडियम में खेला गया पहला अनऑफिशियल चार दिवसीय टेस्ट मैच ड्रॉ रहा। दोनों टीमों के बल्लेबाजों ने शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन अंत में बारिश ने खेल में खलल डाला और कोई नतीजा नहीं निकल सका।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलिया ए टीम ने शानदार शुरुआत की। सलामी बल्लेबाज सैम कॉन्स्टास और जोश फिलिप ने धमाकेदार पारियां खेलीं। कॉन्स्टास ने 144 गेंदों में 109 रन बनाए, जबकि जोश फिलिप ने केवल 87 गेंदों में नाबाद 123 रनों की विस्फोटक पारी खेली। फिलिप की इस पारी में 18 चौके और 4 छक्के शामिल थे। ऑस्ट्रेलिया ए ने 532 रन बनाकर अपनी पहली पारी घोषित की। भारत ए की ओर से हर्ष दुबे ने सबसे अधिक 3 विकेट झटके।
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— BCCI Domestic (@BCCIdomestic) September 19, 2025
भारत ए की शुरुआत कुछ खास नहीं रही, लेकिन मिडल ऑर्डर में ध्रुव जुरेल और देवदत्त पडिक्कल ने टीम को मजबूत स्थिति में पहुंचाया। ध्रुव जुरेल ने शानदार 140 रन बनाए, जो उन्होंने 197 गेंदों में पूरे किए। वहीं देवदत्त पडिक्कल ने आखिरी दिन 199 गेंदों में शतक पूरा किया और अंततः 281 गेंदों पर 150 रन बनाकर नाबाद रहे। इन दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 228 रनों की साझेदारी की। भारत ए ने अपनी पारी 531/7 पर घोषित कर दी।
भारत ए के लिए साई सुदर्शन ने 73 और एन जगदीसन ने 64 रनों की उपयोगी पारियां खेलीं। सलामी बल्लेबाज अभिमन्यु ईश्वरन ने भी 44 रन बनाए। हालांकि कप्तान श्रेयस अय्यर का प्रदर्शन निराशाजनक रहा और वे सिर्फ 8 रन बनाकर आउट हो गए।
भारत ए की पारी घोषित करने के बाद ऑस्ट्रेलिया ए दूसरी पारी खेलने उतरी और सैम कॉन्स्टास व कैंपबेल कैलेवे ने अच्छी शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 56 रन जोड़े। लेकिन इसके बाद बारिश ने खेल रोक दिया। लंबे इंतजार के बावजूद खेल दोबारा शुरू नहीं हो सका और दोनों कप्तानों ने आपसी सहमति से मैच ड्रॉ घोषित कर दिया।
हालांकि मैच का कोई नतीजा नहीं निकला, लेकिन इस मुकाबले में कई युवा खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन कर अपनी काबिलियत का परिचय दिया। खासतौर पर देवदत्त पडिक्कल और ध्रुव जुरेल की पारियां चयनकर्ताओं का ध्यान खींचने में सफल रहीं।